16 जुलाई 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

गलवान संघर्ष के बाद रक्षामंत्री राजनाथ का पहला चीन दौरा, इन मुद्दों पर होगी बातचीत

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 25 से 27 जून तक चीन के किंगदाओ शहर में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षामंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। हालांकि, वह पाक के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ से द्विपक्षीय बातचीत नहीं करेंगे।

Rajnath Singh (Photo: IANS)
Rajnath Singh (Photo: IANS)

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) 25 से 27 जून तक चीन के किंगदाओ शहर में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षामंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे। गलवान संघर्ष (2020) के बाद यह रक्षामंत्री की चीन (China) की पहली यात्रा होगी। इससे भारत-चीन (India-China relation) के रिश्ते नई करवट ले सकते हैं।

पिछले साल नवंबर में ब्राजील की राजधानी रियो डी जनेरो में विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच द्विपक्षीय बातचीत में कैलाश मानसरोवर यात्रा (kailash Mansarovar Yatra) फिर शुरू करने, साझा नदियों के जल बंटवारे पर डेटा के आदान-प्रदान और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवाओं की बहाली पर सहमति हुई थी। अब राजनाथ सिंह और चीन के रक्षामंत्री एडमिरल डोंग जुन की द्विपक्षीय बातचीत से कुछ और लंबित मुद्दों पर बात आगे बढ़ सकती है।

यह भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया ने ईरान में किया अपना दूतावास बंद, दावा- अब्बास अरागची की हत्या की साजिश नाकाम की

क्षेत्रीय सहयोग, आतंकवाद और कनेक्टिविटी बढ़ाने पर होगी बातचीत

SCO की बैठक में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान समेत 10 देशों के रक्षा मंत्री हिस्सा लेंगे। इसमें क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग, आतंकवाद विरोधी उपायों और कनेक्टिविटी बढ़ाने पर चर्चा होगी। राजनाथ सिंह बैठक के दौरान रूसी रक्षामंत्री आंद्रेई बेलौसोव के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता कर सकते हैं। वह कजाकिस्तान, किर्गिस्तान,ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे मध्य एशियाई देशों के रक्षामंत्रियों से भी मुलाकात कर सकते हैं। पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ के साथ द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी। भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को समर्थन के कारण ऐसी कोई वार्ता संभव नहीं है।

यह भी पढ़ें: IRGC के पूर्व जनरल ने कहा- हमें मार्च में ही पता चल गया था जंग होगी, माइक्रोसॉफ्ट के ऑफिस के पास गिरी मिसाइल

भारत के प्रति ड्रेगन का रुख अब नरम

अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर को लेकर चीन का भारत के प्रति झुकाव बढ़ा है। वह भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की इच्छा जता चुका है। राजनाथ सिंह का दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के मुद्दे सुर्खियों में हैं। हाल ही भारत ने ईरान पर इजरायल के हवाई हमलों की निंदा करने वाले एससीओ के बयान से खुद को अलग कर लिया था। भारत ने स्पष्ट किया कि मध्य-पूर्व में कूटनीति से तनाव कम करने की कोशिश होनी चाहिए।