Defense Powerhouse: केंद्र सरकार के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के प्रयास रंग लाने लगे हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा उत्पादन सालाना आधार पर 16.7 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 1.27 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया। इतना नहीं स्वदेशी रक्षा उत्पाद अब विदेशों में भी पसंद किए जा रहे हैं। नतीजन देश के रक्षा निर्यात में 32 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई और यह 21,083 करोड़ रुपए रहा। कुल रक्षा उत्पादन में सार्वजनिक क्षेत्र का हिस्सा 79.2 प्रतिशत और निजी क्षेत्र का हिस्सा 20.8 % है। डिफेंस एक्सपोर्ट में प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी महत्वपूर्ण रही है, जिससे निर्यात में काफी वृद्धि हुई है। कुल निर्यात में प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी करीब दो-तिहाई है।
केंद्र सरकार अगले भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर और डिफेंस एक्सपोर्ट का पावरहाउस बनाने की योजना पर काम कर रही है। वर्ष 2028-29 तक देश के रक्षा निर्यात को बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इससे पिछले एक साल से डिफेंस शेयरों में तूफानी तेजी आई है। मजबूत विकास संभावनाओं और स्वदेशीकरण पर फोकस के कारण निवेशक इन शेयरों में खूब दांव लगा रहे हैं। पिछले एक साल में निफ्टी डिफेंस इंडेक्स करीब 200 प्रतिशत चढ़ा है।
-मेक इन इंडिया को सर्वोच्च प्राथमिकता
-निजी क्षेत्र को निरंतर प्रोत्साहन, रक्षा खरीद के सौदों में तेजी
-कुल बजट का बड़ा हिस्सा स्वदेशी खरीद के लिए आरक्षित
-स्वदेशीकरण की चार सूचियों में 1238 आइटम्स शामिल
Updated on:
06 Jul 2024 11:28 am
Published on:
06 Jul 2024 10:32 am