मीटिंग के बाद क्या बयान आया
मुलाकात के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जहां बीजेपी की सरकार नहीं होती, वहां एलजी के जरिए शासन चलाया जाता है। केजरीवाल ने दावा किया कि हमारी सरकार को मोदी सरकार काम नहीं करने दे रही है। जनता से जुड़े कोई काम बीजेपी हमें नहीं करने दे रही है।ऐसे में इस अहंकारी केंद्र सरकार को हटाना जरूरी हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने हमारी सारी शक्तियां छीन ली है।
ये लोग सीबीआई का मनमाना इस्तेमाल करके देश भर में विपक्ष की सरकारों को परेशान करने का काम कर रहे हैं। अब इसी अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष को जोड़ने और अपने लिए समर्थन मांगने की कवायद में जुटे हुए हैं। केजरीवाल चाहते हैं कि जब यह अध्यादेश बिल के रूप में केंद्र सरकार राज्यसभा में लाए, तब पूरा विपक्ष एक होकर इसका विरोध करे। ताकि यह कानून न बन पाए। अब शरद पवार ने भी इन्हें समर्थन का भरोसा दिया है।
क्यों दौड़ भाग कर रहे हैं केजरीवाल
केजरीवाल को पता है कि लोकसभा में बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए आसानी से इसे पास करा लेगी, क्यूंकि यहां इनके पास पर्याप्त बहुमत है। लेकिन राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है। यहां एनडीए के पास 110 समर्थन है, ऐसे में बीजेपी को इस अध्यादेश को पास कराने के लिए एनडीए के अलावा अन्य सदस्यों की जरूरत भी पड़ेगी।
इसीलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूरी कोशिश कर रहे हैं कि केंद्र सरकार इस अध्यादेश को राज्यसभा में पास नहीं करा पाए। इसके लिए विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर रहे हैं। इस कड़ी में वो विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं और इस अध्यादेश के खिलाफ उनकी पार्टी को सपोर्ट देने की बात कर रहे हैं।
इन नेताओं ने केजरीवाल को समर्थन दिया
अरविंद केजरीवाल को अध्यादेश को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का साथ मिला है। केजरीवाल से इन दोनों नेताओं ने रविवार को मुलाकात की थी। नीतीश ने अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों से एकजुट होने की अपील की है। केजरीवाल के लिए यह बड़ी राहत की बात है।
ममता ने भी इन्हें समर्थन देने का वादा किया है। बुधवार 24 मई को मुंबई में उद्धव ठाकरे ने भी इन्हें साथ देने की बात कही। इसके बाद आज 25 मई गुरुवार को शरद पवार से मुलाकात का अंजाम में केजरीवाल के पक्ष में रहा। अब आगे केजरीवाल विपक्ष के किस नेता से मिलते हैं ये देखने वाली बात होगी।
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BJP लोकतंत्र और SC में विश्वास नहीं करती
CM अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़ा केंद्र का अध्यादेश इस बात का परिचायक है कि मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास नहीं करती है। एक लोकतंत्र में सत्ता चुनी हुई सरकार के हाथों में होनी चाहिए, क्योंकि वह लोगों के प्रति जवाबदेह होती है। बीजेपी न तो लोकतंत्र और न ही सुप्रीम कोर्ट में विश्वास करती है।