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Environment's Report: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (Centre for Science and Environment) की स्टेट ऑफ एनवायरनमेंट रिपोर्ट 2024 से पता चलता है कि दिल्ली उन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में से एक था, जहां इस साल के पहले तीन महीनों में चरम मौसम की घटनाओं (Extreme Weather Events) वाले दिनों की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में जनवरी से मार्च 2024 तक 15 चरम मौसम की घटनाएं देखी गईं, जिनमें ज्यादातर बहुत ज्यादा ठंडा दिन या शीतलहर थीं, जबकि 2023 और 2022 में इसी अवधि के दौरान 12-12 घटनाएं दर्ज की गईं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है, “जनवरी से मार्च 2024 तक दिल्ली सहित कम से कम 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में पिछले तीन वर्षों में चरम मौसम की घटनाओं के साथ सबसे अधिक दिन दर्ज किए गए।”
वर्ष 2023 में 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच भारत ने 365 दिनों में से 318 दिनों में चरम मौसम की घटनाओं का अनुभव किया। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि इन घटनाओं ने 3,287 लोगों की जान ले ली और 2.2 मिलियन हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नष्ट कर दिया। ये आंकड़े केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग, भारत मौसम विज्ञान विभाग और मीडिया रिपोर्टों से प्राप्त किए गए।
दिल्ली में 2024 में 15 चरम मौसम की घटनाओं में से 14 तो जनवरी में शीत लहर या ठंडे दिन के थे जबकि बिजली और तूफान की एक घटना 3 मार्च को हुई थी। शोधकर्ताओं का कहना है कि दिल्ली में इस साल के मई में प्रचंड गर्मी दर्ज की गई। इसका मतलब यह है कि इस साल चरम मौसम की घटनाओं में और इजाफा होने वाला है।
सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा, 'हम यह रिपोर्ट जारी कर रहे हैं और इस समय भारत भीषण गर्मी के दौर से गुजर रहा है। यह वह समय है जब हम बदलती जलवायु के संकट को समझे बिना नहीं रह सकते। यह इस रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है। इस बात के स्पष्ट प्रमाण हैं कि गर्मी बढ़ रही है और चरम मौसम की घटनाएं हमारी दुनिया के सबसे गरीब आबादी की कमर तोड़ रही हैं।'
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 भारत का दूसरा सबसे गर्म वर्ष था, जिसमें 36 में से 26 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 102 मौसम केंद्रों में रिकॉर्ड तोड़ तापमान देखा गया। 2023 बहुत बारिश वाला साल भी था, जिसमें 23 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 69 मौसम केंद्रों ने रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की थी। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 के पहले तीन महीनों में बिजली और तूफान देश में सबसे आम चरम मौसम की घटनाओं के रूप में हावी रहे।
हालांकि 2024 में, इस अवधि के दौरान शीत लहर या ठंडे दिन सबसे अधिक बार सामने आए। इस बदलाव के बावजूद, बिजली और तूफान के साथ वर्गीकृत ओलावृष्टि ने 25 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अपना व्यापक प्रभाव बनाए रखा। इसके विपरीत 13 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में शीत लहर/ठंडे दिन दर्ज किए गए।
Published on:
01 Jun 2024 01:02 pm
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