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दिल्ली स्टूडेंट सुसाइड मामला: 16 साल के लड़के को तीन टीचर और हेडमिस्ट्रेस ने किया परेशान, CCTV में कैद हुई हरकत

दिल्ली स्टूडेंट सुसाइड मामले में पांच आरोपी छात्रों सहित तीन टीचर और हेडमिस्ट्रेस पर गंभीर आरोप लगे हैं। तीन टीचर और हेडमिस्ट्रेस ने छात्र को बार-बार परेशान किया। यह एक पैटर्न की तरह था। पढ़ें पूरी खबर...

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Father reveals secrets in Delhi 10th Class student suicide case

दिल्ली में दसवीं कक्षा के छात्र का सुसाइड मामला

Delhi student suicide case: दिल्ली के सेंट कोलंबा स्कूल के 10वीं कक्षा के एक छात्र के आत्महत्या के मामले में पुलिस ने पांच आरोपी छात्रों की पहचान कर ली है। दिल्ली पुलिस आरोपी छात्रों और उनके परिजनों से पूछताछ में जुटी हुई है। जिन पांच आरोपी छात्रों से पूछताछ की जा रही है, उनमें से तीन मृतक के क्लासमेट हैं। इन तीनों के नाम पर मृतक के पिता ने FIR में दर्ज कराई है।

तीन टीचर और हेडमिस्ट्रेस ने छात्र को परेशान किया

मृतक छात्र के पिता ने पुलिस को कहा कि बेटे को बीते चार दिनों से तीन टीचर और हेडमिस्ट्रेस ने बार-बार परेशान किया। इस मामले की जांच कर रहे इंवेस्टिगेटिव अफसर ने कहा कि मृतक छात्रे के दोस्त सभी एक ही जैसी कहानी पेश करते हैं। उन्होंने कहा कि दोस्तों के इस खास ग्रुप को स्टाफ मेंबर्स द्वारा टारगेटेड किया जाता था। उन्हें डरा हुआ महसूस होता था।

जांच अधिकारी ने कहा कि इस तरह की कुछ घटनाएं CCTV में भी कैद हुई हैं। एक फुटेज में एक टीचर दूसरे बच्चों के सामने मृतक छात्र को बेइज्जत करते हुए दिख रहा है। इधर, स्कूल प्रबंधन ने आरोपी तीन टीचर और हेडमिस्ट्रेस को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ BNS सेक्शन 107 (सुसाइड के लिए उकसाना) और 3(5) (कॉमन इंटेंशन) के तहत केस दर्ज किया है।

छात्र को स्कूल से निकालने की दी थी धमकी

FIR के मुताबिक, लड़के ने अपने दोस्तों को बताया कि उसे एक टीचर ने स्कूल से निकालने की धमकी दी थी और धक्का दिया था। एक और टीचर ने कथित तौर पर उस पर “ओवरएक्टिंग” और “ड्रामा” करने का आरोप लगाया। मीडिया से बात करते हुए जांच अधिकारी ने कहा कि छात्र को पैर में मोच आ गया था। इसके कारण उसने डांस रिहर्सल में हिस्सा लेने से मना कर दिया था। इस कारण उसे शिक्षक ने प्रताड़ित किया। पुलिस अधिकारी ने कहा कि छात्रों से बात करने पर लड़के और उसके दोस्तों को लगातार डांटने और बहुत ज्यादा सजा देने का एक पैटर्न था।

NHRC ने लिया मामले की संज्ञान

नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (NHRC) ने भी मामले का संज्ञान लिया है और सेंट्रल दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (DCP) और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM) से 10 दिनों के अंदर एक्शन रिपोर्ट मांगी है। NHRC ने कहा कि शिकायतों को नजरअंदाज किया गया। कोई काउंसलिंग या बच्चों की सुरक्षा के उपाय नहीं किए गए। कई नियमों का उल्लंघन किया गया।