
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण। (फोटो- IANS)
आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और पीठापुरम के विधायक पवन कल्याण ने खुले मंच से बड़ा बयान दिया है। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए राजनीति छोड़ने तक की बात कह दी है।
पवन कल्याण ने कहा कि अगर वे पीठापुरम में उनका समर्थन करने वाले मछुआरों को न्याय नहीं दिला पाए तो वे राजनीति छोड़ देंगे। गुरुवार को काकीनाडा कलेक्ट्रेट में मछुआरों से मिलने के बाद उप्पदा में डिप्टी सीएम ने एक जनसभा को संबोधित किया।
इस दौरान, पवन ने कहा कि मेरा पद महत्वपूर्ण नहीं है, आपका समर्थन और स्नेह जरूरी है। बता दें कि मछुआरे समुद्र में फैल रही गंदगी को लेकर परेशान हैं। जिससे उनके काम-काज पर बड़ा असर पड़ रहा है।
दरअसल, पवन कल्याण के विधानसभा क्षेत्र पीठापुरम और आसपास के इलाकों में मौजूद दवा कंपनियों से निकलने वाले कचरे सीधे समुद्र को प्रदूषित करते हैं।
इससे मछलियों और समुद्र में रहने वाले अन्य जीवों को नुकसान पहुंचता है। मछुआरों ने डिप्टी सीएम से अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि स्थिति हर दिन बदतर होती जा रही है।
मछुआरों ने यह भी कहा कि समुद्र प्रदूषित होने से उन्हें अब मछली पकड़ना मुश्किल हो गया है। 23 और 24 सितंबर को उप्पदा के आसपास के 16 गांवों के मछुआरों ने जमकर विरोध प्रदर्शन भी किया था।
जिसके बाद कल्याण ने पीठापुरम जन सेना के नेताओं और जिला कलेक्टर शान मोहन को एक संदेश भेजकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। आधिकारिक प्रतिबद्धताओं के बावजूद शीघ्र दौरा करने का वादा किया।
कल्याण ने प्रदूषण का ऑडिट करने के लिए एक विशेष समिति बनाने और नुकसान से निपटने के लिए 100-दिवसीय योजना बनाने का वादा किया। उन्होंने तीन दिनों के भीतर प्रदूषित समुद्री क्षेत्रों का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करने की बात कही।
पवन ने कहा कहा कि मैं यहां केवल बात करने के लिए नहीं, बल्कि समस्या को सुनकर उनपर कार्रवाई करने के लिए हूं। किसी कार्यालय से रिपोर्ट की समीक्षा करना पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि मछुआरों द्वारा बताई गई प्रदूषित जगहों का जमीनी स्तर पर निरीक्षण जरूरी है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि मैंने अधिकारियों को प्रदूषण के लिए उद्योगों का ऑडिट करने का निर्देश दिया है। चाहे वे डिविस, अरबिंदो और डेक्कन ही क्यों न हों, सभी कंपनियों की ऑडिट की जाएगी।
कल्याण ने कहा कि पेड्डापुरम के विधायक निम्मकयाला चिनाराजप्पा ने भी एक औद्योगिक इकाई के बारे में जानकारी दी है, जो समुद्र को बड़े पैमाने पर प्रदूषित कर रही है। हम इन सभी मुद्दों का समाधान जल्द ही निकालेंगे।
इसके साथ, उन्होंने मछुआरों से आग्रह किया कि वे उद्योगपतियों को डराने के लिए उनके मुद्दों का फायदा उठाने वाले राजनेताओं के बहकावे में न आएं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उद्योग रोजगार और आर्थिक विकास के लिए जरूरी हैं, लेकिन प्रदूषण को नियंत्रित भी किया जाना चाहिए।
कल्याण ने मछुआरों की आजीविका को हो रहे नुकसान का विरोध करते हुए औद्योगिक प्रगति का समर्थन करने के लिए उनकी प्रशंसा की।
Published on:
10 Oct 2025 11:02 am
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