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भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के बयान पर भड़की DMK नेता कनिमोझी, मीम्स की आई बाढ़

Anurag Thakur on Hanuman Ji: "पवनसुत हनुमान जी…पहले अंतरिक्ष यात्री।" भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान पर भड़की डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि।

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भारत

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Devika Chatraj

Aug 25, 2025

Anurag Thakur Statement

अनुराग ठाकुर के हनुमान जी वाले बयान पर भड़की DMK नेता (ANI)

भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के एक हालिया बयान ने राजनीतिक और सोशल मीडिया पर तीखा विवाद खड़ा कर दिया है। हिमाचल प्रदेश के ऊना में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर एक स्कूल में छात्रों को संबोधित करते हुए ठाकुर ने दावा किया कि अंतरिक्ष में पहला यात्री अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग नहीं, बल्कि पौराणिक चरित्र हनुमान जी थे। इस बयान पर डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने कड़ा विरोध जताया, इसे "विज्ञान और तर्क के लिए अपमान" करार दिया। इसके बाद सोशल मीडिया, खासकर एक्स पर, मीम्स और तंज भरे पोस्ट की बाढ़ आ गई।

अनुराग ठाकुर का बयान

23 अगस्त को हिमाचल प्रदेश के पीएम श्री स्कूल में बच्चों से बातचीत के दौरान ठाकुर ने कहा, "नासा के अपोलो 11 मिशन से पहले ही हनुमान जी अंतरिक्ष में गए थे। हमें अपनी हजारों साल पुरानी परंपरा, ज्ञान और संस्कृति को जानना होगा।" उन्होंने छात्रों से पाठ्यपुस्तकों से परे सोचने और भारतीय सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने की अपील की। ठाकुर ने अपने एक्स हैंडल पर भी लिखा, "पवनसुत हनुमान जी…पहले अंतरिक्ष यात्री।"

कनिमोझी की तीखी प्रतिक्रिया

डीएमके की उप महासचिव और DMK सांसद कनिमोझी ने 24 अगस्त को एक्स पर ठाकुर के बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने लिखा, "एक सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री का स्कूली बच्चों से यह कहना कि नील आर्मस्ट्रांग नहीं, बल्कि हनुमान जी ने सबसे पहले चंद्रमा पर कदम रखा, बेहद परेशान करने वाला है। विज्ञान पौराणिक कथा नहीं है। कक्षाओं में युवा दिमागों को गुमराह करना ज्ञान, तर्क और संविधान में निहित वैज्ञानिक चेतना का अपमान है।" साथ ही कनिमोझी ने इस बात पर ख़ास जोर दिया कि ऐसी टिप्पणियां बच्चों की जिज्ञासा को विकृत करती हैं और ऐतिहासिक तथ्यों व धार्मिक मिथकों के बीच भेद करने की उनकी क्षमता को प्रभावित करती हैं। उन्होंने नेताओं से बच्चों के सामने वैज्ञानिक मूल्यों और सत्य को बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाने की अपील की।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

ठाकुर के बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में बल्कि शिक्षाविदों के बीच भी विवाद पैदा किया। कई शिक्षाविदों ने कहा कि 1969 में नासा के अपोलो 11 मिशन के तहत नील आर्मस्ट्रांग का चंद्रमा पर उतरना वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त मील का पत्थर है। ऐसे बयान भारत की वैज्ञानिक विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकते हैं, खासकर जब देश इसरो के चंद्रयान और गगनयान मिशनों के माध्यम से अंतरिक्ष अन्वेषण में प्रगति कर रहा है। विपक्षी नेताओं ने भी इस बयान की आलोचना की, इसे "विज्ञान विरोधी" और "युवा दिमागों को भ्रमित करने वाला" करार दिया।

सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़

ठाकुर के बयान और कनिमोझी की प्रतिक्रिया के बाद एक्स पर मीम्स और व्यंग्यात्मक पोस्ट की बाढ़ आ गई। कई यूजर्स ने ठाकुर के बयान को हास्यप्रद बताते हुए मजेदार मीम्स शेयर किए, जिसमें हनुमान जी को अंतरिक्ष यात्री के रूप में चित्रित किया गया। कुछ यूजर्स ने लिखा, "नासा को अब हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू करना चाहिए!" वहीं, अन्य ने कनिमोझी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि स्कूलों में वैज्ञानिक तथ्यों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। एक यूजर ने लिखा, "अनुराग ठाकुर का बयान विज्ञान को मिथक के साथ मिलाने की कोशिश है, जो बच्चों के लिए खतरनाक है।" हालांकि, कुछ यूजर्स ने ठाकुर का समर्थन करते हुए कहा कि वे भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे थे। एक पोस्ट में लिखा गया, "ठाकुर जी ने बच्चों को हमारी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने की कोशिश की, इसमें गलत क्या है?"