मोहन भागवत ने कहा, "हमारा हर सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र सरकार, दोनों के साथ अच्छा समन्वय है। लेकिन कुछ व्यवस्थाएं ऐसी हैं जिनमें कुछ आंतरिक विरोधाभास हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत संगठन के शताब्दी वर्ष समारोह में मीडिया को किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षा और समाज को लेकर कई बातें कही। इसके अलावा बीजेपी और RSS के बीच संबंधों को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी के साथ मतभदों पर बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा कि बीजेपी के साथ कोई झगड़ा नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा हर सरकार चाहें वह प्रदेश की हो या फिर केंद्र की दोनों के साथ अच्छा रिश्ता है।
BJP के साथ संबंधों को लेकर मोहन भागवत ने कहा- मतभेद के कोई मुद्दे नहीं होते। हमारे यहां मतभेद के विचार कुछ हो सकते हैं लेकिन मनभेद बिल्कुल नहीं है। एक दूसरे पर विश्वास है। क्या भाजपा सरकार में सब कुछ RSS तय करता है? ये पूर्णतः गलत बात है। ये हो ही नहीं सकता।
उन्होंने आगे कहा कि मैं कई साल से संघ चला रहा हूं, वे सरकार चला रहे हैं। सलाह दे सकते हैं लेकिन उस क्षेत्र में फैसला उनका है, इस क्षेत्र में हमारा है। इसलिए हम तय नहीं करते। हम तय करते तो इतना समय लगता क्या?
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा पहले दिन इस्लाम जब भारत में आया उस दिन से इस्लाम यहां है और रहेगा। ये मैंने पिछली बार भी कहा था। इस्लाम नहीं रहेगा ये सोचने वाला हिन्दू सोच का नहीं है। हिन्दू सोच ऐसी नहीं है। दोनों जगह ये विश्वास बनेगा तब ये संघर्ष खत्म होगा। पहले ये मानना होगा कि हम सब एक हैं।
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में सब शास्त्र कहते हैं कि जन्म दर 3 से कम जिनका होता है वो धीरे धीरे लुप्त हो जाते हैं। डॉक्टर लोग मुझे बताते हैं कि विवाह में बहुत देर न करने और 3 संतान करने से माता-पिता और संतानों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। भारतवर्ष के प्रत्येक नागरिक को ये देखना चाहिए कि अपने घर में 3 संतान होने चाहिए।
भाजपा के अलावा अन्य राजनीतिक दलों का RSS साथ क्यों नहीं देता' सवाल के जवाब में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- अच्छे काम के लिए जो हमसे सहायता मांगते हैं हम उन्हें सहायता देते हैं। हम सहायता करने जाते हैं तो जो दूर भागते हैं, उन्हें सहायता नहीं मिलती तो हम क्या करें। आपको सिर्फ एक पार्टी दिखती है जिसको हम सहायता कर रहे हैं। लेकिन कभी कभी देश चलाने के लिए या पार्टी का कोई काम चलाने के लिए अगर वो अच्छा है तो हमारे स्वयं सेवक जाकर मदद करते हैं> हमें कोई परहेज नहीं है। सारा समाज हमारा है। हमारी तरफ से कोई रुकावट नहीं है। उधर से रुकावट है तो हम उनकी इच्छा का सम्मान करके रूक जाते हैं।