
One Nation, One time: देश भले ही भारतीय मानक समय (IST) पर चल रहा हो, लेकिन मौजूदा समय में सटीक समय का निर्धारण GPS उपग्रहों द्वारा किया जाता है, जो समन्वित सार्वभौमिक समय (UTC) से जुड़ा होता है। अब इस व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। भारत अपनी स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली NavIC (Navigation with Indian Constellation) के माध्यम से IST का सटीक समय प्रदान करने की दिशा में अग्रसर है। यह परियोजना देश को 'एक राष्ट्र, एक समय' के सपने को साकार करने में मदद करेगी।
भारतीय मानक समय जल्द ही NavIC से लिंक होगा। इसके लिए फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) को संदर्भ समय प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह समय फरीदाबाद से ऑप्टिक फाइबर लिंक के जरिए चार अन्य केंद्रों– अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर और गुवाहाटी में साझा किया जाएगा। इन केंद्रों पर उच्च सटीकता वाली परमाणु घड़ियां तैनात की जाएंगी। परमाणु घड़ियां यह सुनिश्चित करेंगी कि डिजिटल घड़ियों, स्मार्टफोन, और लैपटॉप पर दिखाया जाने वाला समय, सेवा प्रदाताओं द्वारा GPS डेटा के विभिन्न स्रोतों से एक्सेस किए गए समय के बजाय, इन घड़ियों के सटीक समय पर आधारित हो। इस तकनीकी विकास के साथ भारत के सभी अंतिम उपयोगकर्ता एक समान समय का उपयोग कर सकेंगे।
NavIC उपग्रह प्रणाली की परिकल्पना कारगिल युद्ध के तुरंत बाद की गई थी, जब भारत को विदेशी उपग्रहों पर निर्भर रहना पड़ा था। यह अनुभव राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था। सात साल पहले इस परियोजना पर काम शुरू हुआ, और अब यह अपने अंतिम चरण में है।
परमाणु घड़ियां अपनी अत्यधिक सटीकता के लिए जानी जाती हैं। ये घड़ियां परमाणुओं की विशिष्ट अनुनाद आवृत्तियों पर आधारित होती हैं। इनकी सटीकता का स्तर इतना उच्च होता है कि ये 10 करोड़ वर्षों में मात्र एक सेकंड का अंतर पैदा कर सकती हैं।
पूर्व उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह के अनुसार, इस परियोजना से भारत को एक सटीक और विश्वसनीय समय वितरण नेटवर्क प्राप्त होगा। यह विदेशी प्रणालियों पर निर्भरता को कम करेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा। इसका लाभ बिजली ग्रिड, दूरसंचार, बैंकिंग, रक्षा, और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में होगा। यह समन्वित संचालन, कार्यक्षमता, और साइबर खतरों के खिलाफ लचीलापन सुनिश्चित करेगा।
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने हाल ही में मसौदा नियम जारी किए हैं, जिसमें IST को कानूनी, प्रशासनिक, वाणिज्यिक, और आधिकारिक संदर्भ समय के रूप में अनिवार्य किया गया है। विशेष उपयोगों के लिए कुछ अपवादों की अनुमति दी जाएगी, जो सरकारी अनुमोदन के अधीन होंगे।
फरीदाबाद और अन्य चार केंद्रों के बीच ऑप्टिक फाइबर केबल के जरिए डेटा साझा करने में लगने वाले समय को समायोजित करने के लिए घड़ियों को संरेखित करना अंतिम तकनीकी कदम है। परीक्षण का अधिकांश कार्य पहले ही सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। यह परियोजना भारत को न केवल तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश की साख को भी बढ़ाएगी। एक राष्ट्र, एक समय का यह प्रयास डिजिटल युग में भारत की शक्ति और संप्रभुता को मजबूत करेगा।
Published on:
28 Jan 2025 02:46 pm
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