8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ISRO New Chairman: कौन हैं वी नारायणन जो बनेंगे ISRO के नए चीफ, 14 जनवरी को लेंगे एस. सोमनाथ का स्थान

V Narayanan is New Chief of ISRO: वी. नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का अगला अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है।

2 min read
Google source verification

ISRO New Chairman:  वी. नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है। यह जानकारी मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में दी गई। नारायणन 14 जनवरी को वर्तमान ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ का स्थान लेंगे। नारायणन इस समय लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC), वलियमला के डायरेक्टर के तौर पर कार्यरत हैं और उन्हें रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञ माना जाता है। उनका कार्यकाल दो साल का होगा। ISRO के अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति संगठन के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, और इसके साथ ही वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे।

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में चार दशकों का अनुभव

इसरो के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक वी. नारायणन वर्तमान में केरल के वलियामाला में स्थित लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में लगभग चार दशकों का अनुभव रखने वाले नारायणन ने इसरो में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। उन्हें विशेष रूप से रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रोपल्शन के क्षेत्र में विशेषज्ञ माना जाता है। उनकी विशेषज्ञता और नेतृत्व क्षमता के कारण उन्हें इसरो के नए अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। नारायणन का कार्यकाल भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर उनके व्यापक अनुभव के साथ जो उन्होंने इसरो में विभिन्न महत्वपूर्ण अभियानों और परियोजनाओं में हासिल किया है।

दो साल का होगा कार्यकाल

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 14 जनवरी, 2025 से दो साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष के रूप में वी. नारायणन की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। नारायणन वर्तमान में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (एलपीएससी), वलियामाला के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।

कई महत्वपूर्ण पदों पर निभाई जिम्मेदारी

वी. नारायणन, जो रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट प्रोपल्शन के विशेषज्ञ हैं, 1984 में इसरो में शामिल हुए और तब से कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक के रूप में काम करने से पहले इसरो में विभिन्न तकनीकी और नेतृत्वात्मक भूमिकाएं निभाईं। एलपीएससी, जिसके प्रमुख नारायणन हैं, इसरो के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह केंद्र लॉन्च वाहनों के लिए लिक्विड, सेमी-क्रायोजेनिक और क्रायोजेनिक प्रोपल्शन चरणों का विकास करता है, साथ ही उपग्रहों के लिए रासायनिक और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम, लॉन्च वाहनों के लिए नियंत्रण प्रणाली, और अंतरिक्ष प्रणालियों की निगरानी के लिए ट्रांसड्यूसर विकास में भी कार्य करता है। नारायणन की नेतृत्व क्षमता और प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता इस क्षेत्र में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक रही है।

आईआईटी खड़गपुर से की एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी

वी. नारायणन की शैक्षिक पृष्ठभूमि और उनके पेशेवर सफर ने उन्हें इसरो में एक प्रमुख स्थान दिलाया है। तमिल माध्यम के स्कूलों में पढ़ाई करने के बाद, उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एम.टेक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी की। उनके उत्कृष्ट शैक्षिक प्रदर्शन के कारण उन्हें एम.टेक में पहले स्थान के लिए रजत पदक से सम्मानित किया गया। 1984 में इसरो में शामिल होने के बाद, नारायणन ने रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रोपल्शन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने 2018 में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (एलपीएससी) के निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला और इस दौरान लॉन्च वाहनों और उपग्रह प्रणालियों के लिए अत्याधुनिक प्रोपल्शन सिस्टम्स का विकास किया। उनके नेतृत्व में एलपीएससी ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई दिशा दी, जिससे भारतीय अंतरिक्ष मिशनों की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।