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तेजस्वी और विजय सिन्हा के बाद अब मुजफ्फरपुर की मेयर को नोटिस, चुनाव आयोग ने 3 दिन में मांगा जवाब

दो वोटर कार्ड मामले में मुजफ्फरपुर महापौर निर्मला देवी समेत तीन लोगों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने कहा है कि इस संबंध में आप अपना पक्ष 16 अगस्त शाम 5 बजे तक देने की कृपा करें, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

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Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Photo-IANS)

Duplicate voter ID case in Bihar: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में डुप्लीकेट वोटर आईडी का मामला गंभीर रूप ले रहा है। बीजेपी नेता विजय सिन्हा और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के बाद अब मुजफ्फरपुर की मेयर निर्मला देवी, उनके संबंधी मनोज कुमार और दिलीप कुमार को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है। इन तीनों के नाम दो अलग-अलग मतदान केंद्रों की वोटर लिस्ट में दर्ज पाए गए हैं। जिला प्रशासन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर इसकी जानकारी साझा करते हुए बताया कि तीनों को 16 अगस्त 2025 की शाम 5 बजे तक अपना पक्ष स्पष्ट करने के लिए कहा गया है।

मुजफ्फरपुर मेयर सहित तीन को नोटिस

मुजफ्फरपुर के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संख्या 94 के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी ने निर्मला देवी को नोटिस जारी कर कहा कि उनका नाम विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) 2025 की प्रारूप मतदाता सूची में बूथ नंबर 153 (ईपिक नंबर: REM1251917) और बूथ नंबर 257 (ईपिक नंबर: GSB1835164) पर दर्ज है। नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया कि एसआईआर से पहले भी उनका नाम दोनों बूथों पर मौजूद था। उन्हें 16 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है।

मनोज कुमार और दिलीप कुमार पर भी सवाल

मनोज कुमार के नाम भी बूथ नंबर 153 (ईपिक नंबर: REM1251891) और बूथ नंबर 257 (ईपिक नंबर: GSB0852996) पर दर्ज पाए गए हैं। वहीं, दिलीप कुमार का नाम बूथ नंबर 153 (ईपिक नंबर: REM1958024) और बूथ नंबर 257 (ईपिक नंबर: GSB1824440) पर अंकित है। दोनों को भी एसआईआर 2025 से पहले दो मतदान केंद्रों पर नाम दर्ज होने की बात सामने आई है। चुनाव आयोग ने दोनों से 16 अगस्त तक स्पष्टीकरण मांगा है।

चुनावी पारदर्शिता पर उठे सवाल

यह मामला बिहार में मतदाता सूची की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है। हाल ही में तेजस्वी यादव ने भी दावा किया था कि उनका नाम प्रारूप मतदाता सूची से गायब है, जिसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया था। विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के तहत 65 लाख से अधिक वोटरों को मृत, डुप्लीकेट या अज्ञात पाए जाने के बाद सूची से हटाया गया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है, जबकि जिला प्रशासन ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।