
During the festive season 22% inflation in daily items
त्योहार के दिनों में आम हिंदुस्तानी का बजट यूं ही बिगड़ा होता है। उस पर से महंगाई ने लोगों को और परेशान किया हुआ है। खाना पकाने के तेल से ले कर बालों में लगाने वाले तेल तक की कीमत आसमान छू रही है। खुदरा बाजार के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले प्लेटफार्म बिजोम के मुताबिक जनवरी से अब तक रोजमर्रा की चीजों की कीमत 10 से 20 फीसदी बढ़ गई है। इसमें सिर्फ उन चींजों को लिया गया है जो आप आम तौर पर दुकानों या मॉल से खरीदते हैं।
इस महंगाई का असर सबसे ज्यादा मध्य वर्ग के लोगों पर पड़ रहा है। चीजें महंगी होने के बाद लोग उतने ही पैसे खर्च कर कम चीजें खरीद पा रहे हैं। खाना पकाने का तेल पहली तिमाही के दौरान ही 35 फीसदी महंगा हो गया था। उसके बाद से इसमें थोड़ी कमी तो आई है लेकिन अब भी यह जनवरी के मुकाबले 5-22 फीसदी तक महंगा है। मसालों को देखें तो यहां भी आग लगी हुई है। इसमें 3-17 फीसदी की महंगाई देखी जा सकती है। जबकि भारत मसालों का सबसे बड़ा निर्यातक है।
आंकड़ों के मुताबिक ब्रांडेड चावल, आंटे, मैदे जैसी चीजों की कीमत में भी जनवरी के मुकाबले काफी तेजी आई हुई है। इन चीजों में दस फीसदी से ज्यादा महंगाई दर्ज की गई है। राहत की बात इतनी है कि साबुन-सर्फ जैसी चीजों की कीमत में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है और ये इस दौरान 1-3 फीसदी महंगे हुए हैं।
विप्रो कंज्यूमर केयर के फूड बिजनेस के प्रमुख अनुल चुघ एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहते हैं हमें नहीं लगता कि इन चीजों में आ रही महंगाई जल्दी ही थमेगी या कम होगी। इसकी एक बड़ी वजह ग्लोबल बाजार में हो रही उथल-पुथल है। बढ़ती महंगाई की वजह से ही मांग भी बहुत नहीं बढ़ पा रही है। ज्यादातर कमोडिटी या कच्चे माल की कीमत भी पिछले साल से बढ़ी हुई है। पाम और क्रूड ऑयल की कीमत की कमी को भी इंडस्ट्री सीधे कीमत घटा कर ग्राहकों तक पहुंचाने की बजाय प्रमोशनल गतिविधियों के माध्यम से ही पहुंचाएगी। इसकी वजह यह है कि इन दोनों की कीमत कब दुबारा बढ़ जाए किसी को नहीं पता।
बिजोम प्लेटफार्म को संचालित करने वाली मोबिसी टेक्नोलॉजीज के ग्रोथ एंड इनसाइट विभाग के प्रमुख अक्षय डिसूजा कहते हैं त्योहारों का मौसम है, ऐसे में बाजार को तो कमोडिटी पर ही निर्भर रहना होगा। सरकार की कोशिश से खास तौर पर चावल जैसी चीजों की कीमत थोड़ी कम हो सकती है।
मैरिको के मैनेजिंग डायरेक्टर सौगत गुप्ता उम्मीद जताते हैं कि दिसंबर के अंत में कच्चे माल की कीमत में कमी आने लगेगी। ये कहते हैं कि महंगाई के तीन प्रमुख अवयव हैं- खाने-पीने की चीजें, खाना पकाने का तेल और क्रूड ऑयल। पाम ऑयल की कीमत घटी है लेकिन क्रूड अब भी बहुत महंगा है। इसलिए देखा जाए तो पिछले साल के मुकाबल कमोडिटी महंगी है। ऐसे में वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के खत्म होने तक कमोडिटी की कीमत घट सकती है।
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Updated on:
01 Oct 2022 08:41 am
Published on:
30 Sept 2022 07:01 pm
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