
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- IANS)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऑफ इंडिया के एक कर्मचारी अधिकारी को गिरफ्तार किया है। उसपर ग्राहकों के साथ 16.10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक, बैंक कर्मचारी ने 127 खातों में पड़ी राशि को अपने पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया था।
ईडी के हवाले से द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि जिन अकाउंट से पैसे निकाले गए हैं। वह वरिष्ठ नागरिकों, नाबालिगों और मृत ग्राहकों से जुड़े थे।
आरोपी की पहचान 32 वर्षीय हितेश सिंगला के रूप में हुई है। ईडी ने उसे गिरफ्तार करने के बाद विशेष अदालत में पेश किया। जिसने उसे 23 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है।
बताया जा रहा है कि शुरू में गड़बड़ी दिखने पर बैंक ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके आधार पर सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी। बाद में ईडी ने भी धन शोधन का मामला दर्ज किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिंगला को 5 अगस्त को बैंक ने निलंबित कर दिया था। वह 2022 से बैंक की बांद्रा शाखा में तैनात था। फ्रॉड का मामला तब उजागर हुआ, जब बैंक के एक सीनियर सिटीजन ग्राहक के कानूनी उत्तराधिकारी ने उनके बैंक खातों का ब्यौरा मांगा।
छानबीन से यह पता चला कि बैंक खाते को क्लोज कर दिया गया है। वहीं, अकाउंट बंद होने के बाद उसमें जमा की गई राशि पहले शाखा के कार्यालय खाते में और फिर पंजाब में सिंगला के नाम से एक पर्सनल अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे।
विशेष अदालत को ईडी ने बताया कि जांच में पाया गया कि आरोपी ने बिना अनुमति के ग्राहकों के खातों के साथ छेड़छाड़ की। मई 2023 से जुलाई 2025 के बीच पैसों को आरोपी ने अपने निजी बचत खातों में ट्रांसफर किया है।
ईडी की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि सिंगला ने चार अलग-अलग शाखाओं के ग्राहकों को निशाना बनाया। धोखाधड़ी वाले लेनदेन की प्रक्रिया और सत्यापन के लिए कई अन्य कर्मचारियों के आईडी का भी इस्तेमाल किया।
ऐसा अनुमान है कि धोखाधड़ी की रकम बढ़ भी सकती है। यह भी जानकारी सामने आई है कि धोखाधड़ी के पैसों को शेयर बाजार में इंवेस्ट किया गया है।
Published on:
20 Sept 2025 10:32 am
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