
कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, बड़े घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के पूर्व आयुक्त जी.टी. दिनेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।
जिस मामले में दिनेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है, उसमें सीएम सिद्धरमैया का नाम आरोपियों में पहले नंबर पर है। पूर्व कमिश्नर को अवैध भूमि आवंटन के मामले में ईडी ने पहले पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। अब उनकी गिरफ्तारी की घोषणा कर दी गई है।
बता दें कि अवैध भूमि आवंटन के मामले में कर्नाटक सरकार ने लोकायुक्त के अनुरोध पर दिनेश की जांच की अनुमति दी थी। इसके बाद, ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी ने जांच के सिलसिले में दिनेश की संपत्तियां पहले ही कुर्क कर ली थीं।
लोकायुक्त एमयूडीए में हुई गड़बड़ी की भी जांच कर रहा है। उसने पूर्व एमयूडीए अध्यक्ष एच.वी. राजीव और दिनेश दोनों की जांच की अनुमति मांगी थी। हालांकि, राज्य सरकार ने केवल दिनेश की जांच के लिए सहमति दी।
दिनेश को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया और उसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर फर्जी दस्तावेज बनाने और निजी लाभ के लिए अवैध रूप से भूखंडों के पुनर्आवंटन में उनका इस्तेमाल करने का आरोप है।
ईडी ने कहा कि उसने ऐसे सबूत इकट्ठा किए हैं जिनसे पता चलता है कि दिनेश ने अवैध भुगतान स्वीकार करके संपत्ति अर्जित की है। उन्होंने 2022 में एमयूडीए के आयुक्त के रूप में कार्य किया था।
50:50 अनुपात योजना के तहत अवैध भूखंड आवंटन के आरोपों के बाद, सरकार ने उन्हें कोई नया पद दिए बिना ही स्थानांतरित कर दिया था। बाद में उन्हें हावेरी विश्वविद्यालय का रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया।
इस नियुक्ति को कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से एक पुरस्कार के रूप में देखा गया। विवाद बढ़ने के बाद, सरकार ने बाद में उनकी नियुक्ति रद्द कर दी।
इस बीच, एमयूडीए मामले में शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने अदालत में एक याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने इस मामले में, उन्होंने जांच अधिकारी बदलने का भी अनुरोध किया है।
इसके साथ उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ विधायकों एवं सांसदों के लिए विशेष अदालत में आरोप साबित करने का अवसर देने का अनुरोध किया है।
स्नेहमयी कृष्णा ने यह भी अनुरोध किया है कि अन्य आरोपियों के खिलाफ अलग से मामले दर्ज किए जाएं और जांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। विशेष अदालत ने इस आवेदन पर सुनवाई 29 सितंबर के लिए निर्धारित की है।
एमयूडीए मामला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एक भूमि घोटाला मामला है, जिसमें उनकी पत्नी पार्वती को मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) से जमीन आवंटित करने में अनियमितताओं का आरोप है।
यह मामला तब सामने आया जब एमयूडीए ने पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के बदले में 50:50 के अनुपात से भूखंड आवंटित किए, जिसकी कीमत एमयूडीए द्वारा अधिग्रहीत जमीन की तुलना में काफी अधिक थी।
सिद्धारमैया पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करके अपनी पत्नी को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया। ईडी ने भी सिद्धारमैया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।
Updated on:
17 Sept 2025 10:47 am
Published on:
17 Sept 2025 10:24 am
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