
प्रवर्तन निदेशालय (ED) धनशोधन निवारण कानून (PMLA) के आरोपियों व अन्य लोगाें से दिन में, यानी कार्यालय समय में ही पूछताछ करेगा और उन्हें ज्यादा इंतजार नहीं करवाया जाएगा। बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ED ने जांच प्रक्रिया के बारे में परिपत्र जारी कर यह व्यवस्था की है। इस आंतरिक परिपत्र के बारे में जानकारी दिए जाने पर हाईकोर्ट (High Court) ने ईडी को निर्देश दिए कि वह इस परिपत्र को जांच एजेंसी की वैबसाइट व एक्स हैंडल पर सार्वजनिक करे। ताजा परिपत्र में ईडी ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि PMLA के तहत बुलाए गए व्यक्तियों के बयान देर रात तक दर्ज करने के बजाय कार्यालय समय के दौरान दर्ज करने का हर संभव प्रयास करें। ईडी के अधिकारी पूछताछ के लिए बुलाए गए व्यक्ति से संबंधित दस्तावेज और प्रश्नावली तैयार रखें।
वे सुनिश्चित करें कि बिना किसी देरी या इंतजार करवाए जांच शुरू हो। मनी लॉन्ड्रिंग अपराधों की प्रकृति को देखते हुए सबूतों को छिपाने की आशंका के चलते यह जरूरी है कि जांच उसी दिन शुरू हो। परिपत्र में यह भी कहा गया है कि वरिष्ठ नागरिकों और व्यक्तियों के लिए, जांच को उचित समय तक सीमित रखा जाना चाहिए। यदि असाधारण परििस्थति में नियमित समय के अलावा जांच या पूछताछ करनी हो तो लिखित कारण बताते हुए उच्चाधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। कोर्ट ने बताया था मानवाधिकार उल्लंघन बॉम्बे हाईकोर्ट ने गत अप्रेल के अपने आदेश में जांच के दायरे में आने वाले लोगों के सोने के अधिकार के महत्व पर जोर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सोने का अधिकार एक बुनियादी मानवीय आवश्यकता है, जिसकी अवहेलना मानवाधिकारों का उल्लंघन है।
Updated on:
20 Oct 2024 03:47 pm
Published on:
20 Oct 2024 03:46 pm
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