9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चुनाव नियमों में संशोधन पर कांग्रेस पहुंची Supreme Court, क्या बोले कांग्रेस महासचिव

Supreme Court: कांग्रेस ने चुनाव संचालन नियमों में हालिया संशोधनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। यह संशोधन सार्वजनिक निरीक्षण के लिए उपलब्ध दस्तावेजों को सीमित करता है, जिससे चुनावी पारदर्शिता प्रभावित होती है।

2 min read
Google source verification

चुनाव आयोग के नियमों में बदलाव के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने इस मामले में मंगलवार को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की। याचिका में चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने वाली आवश्यक जानकारी तक सार्वजनिक पहुंच को समाप्त करने के आधार पर संशोधन को चुनौती दी गई है।

पहले क्या थे नियम

चुनाव संचालन नियमों के पहले के नियम 93(2)(ए) में कहा गया था कि चुनाव से संबंधित सभी अन्य कागजात सार्वजनिक निरीक्षण के लिए खुले रहेंगे। जबकि अब नियम के संशोधित संस्करण में कहा गया है कि चुनाव से संबंधित निर्दिष्ट या निर्धारित दस्तावेज ही सार्वजनिक निरीक्षण के लिए खुले रहेंगे, जिनका नियमों में जिक्र किया गया है।

हाल ही में उठाए कदम

प्रतिबंधित सामग्रियों में सीसीटीवी फुटेज, वेबकास्टिंग क्लिप और चुनाव के दौरान उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग शामिल हैं। माना जा रहा है कि यह कदम पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा चुनाव आयोग (EC) को हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव संबंधी सभी दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जाने के बाद उठाया गया है।

क्या बोले कांग्रेस महासचिव

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स (X) पर पोस्ट में कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है। इस पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी है, इसलिए इसे एकतरफा और सार्वजनिक विचार-विमर्श के बिना इतने महत्वपूर्ण नियम में संशोधन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में सत्यनिष्ठा तेजी से कम हो रही है, उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसे बहाल करने में मदद करेगा। चुनाव आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्र सरकार ने संचालन नियम, 1961 के नियम 93(2)(ए) में संशोधन किया था। इसके तहत चुनाव प्रक्रिया के दौरान सीसीटीवी कैमरा और वेबकास्टिंग फुटेज के साथ-साथ उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग आम जनता को नहीं मिल सकती।

ये भी पढ़े: कर्नाटक के मंत्री ने भाजपा एमएलसी रवि घटना की CID ​​जांच के आदेश दिए