
बिहार में एक लड़की की शादी तय होती है। तयशुदा तारीख पर बारात भी आ जाती है। लड़की पक्ष वाले लड़के पक्ष वालों का स्वागत करते हैं। खान पान के बाद और वरमाला के बाद दूल्हा मंडप में सात फेरे लेने के लिए भी आ जाता है। लेकिन तभी एक ऐसी घटना घटती है कि शादी नहीं हो पाती है। लेकिन दुल्हन उसी दूल्हे संग सात फेरों की आस लिए आज भी बैठी है। एक अधूरे विवाह की यह अनोखी कहानी बिहार के आरा की है।
एक बहस और सब खत्म
जानकारी के मुताबिक, आरा के रामपुर गांव में बीते 28 अप्रैल को एक लड़की की शादी पास के गांव के एक लड़के से तय हुई थी। बारात भी समय पर आ गई द्वाराचार से लेकर जयमाला तक सबकुछ खुशी खुशी हो रहा था। तभी मंडप में फेरों से पहले किसी बात पर दुल्हन के चाचा और दूल्हे के भाई के बीच झगड़ा हो जाता है। विवाद इतना बढ़ता है कि लड़के पक्ष और लड़की पक्ष के बीच हाथापाई तक हो गई। यह देख मंडप में बैठा दूल्हा बीच रस्मों में से उठकर वापस चला जाता है और शादी से इंकार कर देता है।
नहीं माना दूल्हा
इसके दूसरे दिन 29 अप्रैल को रिश्ता तय करवाने वालों मध्यस्थों के माध्यम से दूल्हे पक्ष को मनाने की कोशिश की गई। लड़के के घरवाले तैयार भी हुए और गांव के नजदीक बाबा मठिया मंदिर में विवाह की बची रस्में पूरी करने पर बात बनी। लेकिन दूल्हा मंदिर में भी नहीं आया।
सर जी, दूल्हे को समझाइएगा न...
हार-थककर दुल्हन के परिजन थाने पहुंचे और पुलिस से मदद की गुहार लगाई। दुल्हन ने भी थाना प्रभारी से गुहार लगाई कि अगर शादी की अधूरी रस्में पूरी करवाई जाएं। किसी भी तरह दूल्हे को मनाया जाए। अगर शादी नहीं हुई तो हमारा परिवार लड़के पक्ष पर कानूनी कार्रवाई करवाने के लिए बाध्य हो जाएगा। फिलहाल स्थानीय थाने को लड़का या लड़की पक्ष की ओर से केस दर्ज करवाने के लिए शिकायती आवेदन नहीं मिला है। दोनों ही परिवार बातचीत से ही मसला हल करने की कोशिश में जुटे हैं।
Updated on:
07 May 2024 06:31 pm
Published on:
07 May 2024 06:17 pm
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