
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में लक्षद्वीप यात्रा के बाद जनता से लक्षद्वीप घूमने की अपील की। समर्थन में भारतीयों ने मालदीव की बजाय लक्षद्वीप को अधिक खूबसरत और छुट्टियां बिताने लायक बताया। इससे चिढ़े मालदीव के कुछ मंत्रियों ने अनर्गल बयानबाजियां की। यह विवाद भारत-मालदीव के घटनाक्रमों में नया विवाद है। जानिए, मालदीव व भारत में बीते कुछ समय से क्यों बढ़ रहा तनाव।
कैसे बदल गई 'इंडिया फर्स्ट' की नीति?
30 सितंबर को माले के मेयर मोहम्मद मुइज्जू तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हराकर 54.05 प्रतिशत बहुमत के साथ मालदीव के नए राष्ट्रपति बने। चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू के चुनाव अभियान में सोलिह की 'इंडिया फर्स्ट' की विदेश नीति के खिलाफ 'इंडिया आउट' नारा शामिल था। यह अभियान भारत को मालदीव की स्वायत्तता के लिए खतरा बनाकर पेश करता है।
किन फैसलों से झलका असहयोग?
दिसंबर में, मालदीव ने हाइड्रोग्राफी में सहयोग के लिए भारत के साथ 2019 के एक एमओयू को रिन्यू करने से मना कर दिया। जनवरी में, मुइज्जू ने भारत से सैनिक वापस बुलाने को कहा। मालदीव में भारत के 77 सैनिक हैं जो भारत प्रायोजित रडार व निगरानी विमान संचालित करते हैं। वहीं, राष्ट्रपति के रूप में मुइज्जू ने पहली यात्रा तुर्की की थी, आमतौर पर मालदीव के राष्ट्रपति सबसे पहले भारत की यात्रा करते रहे हैं। अब सोमवार से मुइज्जू 12 जनवरी तक अपनी पहली द्विपक्षीय आधिकारिक यात्रा पर चीन गए हुए हैं। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का कहना है, 'यह मालदीव को तय करना है कि वे कहां जाते हैं और अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को कैसे आगे बढ़ाते हैं।'
भारत पर कितना निर्भर मालदीव?
मालदीव का टूरिज्म सेक्टर भारत पर निर्भर है। नए विवाद के बाद बड़े पैमाने पर मालदीव के लिए भारतीयों ने बुकिंग कैंसल करवाई है। भारत ने मालदीव के कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में फंड दिया हुआ है। साल 2023 में सिंतबर तक भारत का मालदीव को निर्यात 41.02 करोड़ रुपए था। वहीं, आयात 61.9 लाख डॉलर था। ताजा विवाद के बाद इन आंकड़ों में गिरावट की आशंका है।
यह भी पढ़ें- मालदीव छोड़िए बनाइए लक्षद्वीप जाने का प्लान, ट्रेन और विमान के किराए की पूरी लिस्ट यहां देखिए
मालदीव भूल पाएगा यह एहसान?
भारत सरकार ने कई बार मालदीव को मुश्किल स्थितियों से उबारा है। भारत ने 1988 में 'ऑपरेशन कैक्टस' के तहत तख्तापलट की कोशिश को नाकाम कर सरकार की मदद की थी। साल 2014 में ऑपरेशन नीर चलाकर भारत ने प्यासे मालदीव को पानी पिलाया था। वहीं, कोरोना में 'ऑपरेशन संजीवनी' से मालदीव को दवाइयां भी दी गई।
यह भी पढ़ें- #BoycottMaldives: मालदीव में कभी था हिंदु राजाओं का शासन, फिर कैसे बन गया इस्लामिक देश?
Updated on:
09 Jan 2024 08:06 am
Published on:
09 Jan 2024 07:32 am
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
