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पद छोड़ते ही ‘वोट चोरी’ विवाद पर खुलकर बोले पूर्व CJI गवई, कहा- कोर्ट को राजनीतिक लड़ाई का जरिया नहीं बनाना चाहिए

रिटायरमेंट के बाद पूर्व CJI बीआर गवई ने वोट चोरी के मुद्दे पर खुलकर बात की है। साथ ही सभी राजनीतिक दलों को सलाह दी कि सुप्रीम कोर्ट को राजनीतिक लड़ाई का अखाड़ा न बनाएं। राहुल गांधी की ‘वोट चोरी’ याचिका का जिक्र करते हुए उन्होंने यह बयान दिया।

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भारत

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Mukul Kumar

Nov 27, 2025

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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई। (Photo-ANI)

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई अब रिटायर हो गए हैं। पद छोड़ने के बाद उन्होंने देश में 'वोट चोरी' के मुद्दे पर खुलकर बात की है। इसके साथ, उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को अहम सुझाव भी दे दिया है।

गवई ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट को राजनीतिक लड़ाई के लिए एक प्लेटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। दरअसल, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' को लेकर कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।

एसआईटी से 'वोट चोरी' की जांच कराने की मांग

राहुल ने याचिका में 'वोट चोरी' के आरोपों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की थी, जिस पर अदालत ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। साथ ही याचिकाकर्ता को सही समाधान के लिए चुनाव आयोग से संपर्क करने की सलाह दी थी।

गवई ने क्या कहा?

इसी मामले पर गवई ने बयान दिया है। आईएएनएस से ​​खास बातचीत में पूर्व सीजेआई बीआर गवई ने कहा- मैंने हमेशा कहा है कि कोर्ट को राजनीतिक लड़ाई का जरिया नहीं बनाया जाना चाहिए। न्यायपालिका का इस्तेमाल राजनीतिक लड़ाई के लिए नहीं किया जाना चाहिए। ये लड़ाई वोटरों के सामने लड़ी जानी चाहिए।

इसके अलावा, गवई ने सभी दलों को यह भी सुझाव दिया कि न्यायिक मंचों को राजनीतिक विवादों को निपटाने का जरिया नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा- ऐसे कई मामले हुए हैं जहां नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किए गए।

जांच एजेंसियों का राजनीतिक मकसद से नहीं करना चाहिए इस्तेमाल- गवई

गवई ने कहा- मैंने खुले तौर पर कहा है कि न तो केंद्र और न ही राज्य की जांच एजेंसियों का राजनीतिक मकसद के लिए गलत इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अपने कार्यकाल के दौरान, मैंने ऐसे दो मामले देखे। एक कर्नाटक के वरिष्ठ नेताओं से जुड़ा था जिन पर ईडी की कार्रवाई हुई थी और दूसरा सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद से जुड़ा था।

पूर्व जस्टिस गवई ने आगे कहा- दोनों मामलों में मैंने यह साफ कर दिया था कि जांच मशीनरी का इस्तेमाल राजनीतिक हिसाब बराबर करने के लिए नहीं किया जा सकता। मैंने दोनों मामलों में राहत दी, क्योंकि राजनीतिक झगड़े लोगों के सामने सुलझाए जाने चाहिए, अदालतों में नहीं।