
Anant Singh Vs Sonu-Monu Gang: बिहार के मोकामा में बुधवार को हुए फायरिंग की घटना के बाद से इलाके में सनसनी फैल गई है। पूर्व विधायक अनंत सिंह और सोनू-मोनू गैंग के बीच हुई इस फायरिंग के बाद पुलिस ने तीन केस दर्ज किए हैं। सोनू-मोनू गैंग पर फायरिंग का आरोप है, और सोनू ने पचमहला थाने में सरेंडर कर दिया है। सोनू के पिता ने दावा किया है कि उसने कोर्ट का सम्मान करते हुए सरेंडर किया है।
मोकामा के नौरंगा जलालपुर गांव में हुई इस घटना के बाद गुरुवार को सोनू-मोनू के मुंशी रहे मुकेश के घर पर भी गोलीबारी की गई। मुकेश वही शख्स है जिसके मामले को लेकर अनंत सिंह और सोनू-मोनू गैंग के बीच गोलीबारी हुई थी। अनंत सिंह ने आरोप लगाया था कि सोनू-मोनू गैंग ने मुकेश के साथ मारपीट की और उसके घर पर ताला भी लगाया था, जिसके बाद दोनों गुटों के बीच गोलीबारी हुई। इस घटना के बाद सोनू-मोनू की मां ने अनंत सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज कराया था, जबकि मुकेश ने सोनू-मोनू गैंग के खिलाफ शिकायत दी थी। पुलिस ने इस गैंगवार को लेकर अनंत सिंह और उनके समर्थकों तथा सोनू-मोनू गैंग के खिलाफ केस दर्ज किया था।
बिहार के मोकामा में सोनू और मोनू नामक दो भाइयों और पूर्व विधायक अनंत सिंह के बीच हालिया गैंगवार ने राजनीति और अपराध की जटिल तस्वीर को उजागर किया है। सोनू और मोनू, जो जलालपुर गांव के रहने वाले हैं और सोनू के पिता पटना हाई कोर्ट में वकालत करते हैं, वहीं दोनों भाई एक लोकल गैंग चला रहे हैं और ईंट भट्टे का कारोबार करते हैं। इनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, और यह दोनों भाई अपराध की दुनिया में अपनी पहचान बना चुके हैं।
मगर, सवाल यह उठता है कि बिहार के छोटे सरकार के उपनाम से मशहूर और अपने जलवे के लिए कुख्यात अनंत सिंह पर यह हमला क्यों हुआ। अनंत सिंह, जो पहले से ही राजनीतिक और अपराधी दोनों ही छवि के कारण चर्चा में रहे हैं, अब इन दो भाइयों के खिलाफ अपने प्रतिद्वंद्वी रहे विवेका पहलवान से नहीं, बल्कि सोनू-मोनू गैंग से भिड़ रहे हैं।
यह घटनाक्रम न सिर्फ मोकामा की राजनीति में बल्कि राज्य के अपराधी तंत्र में भी हलचल मचा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी ललन कुमार ने अनंत सिंह पर तीखा हमला करते हुए इस गैंगवार को राजनीतिक संदर्भ में भी जोड़ने की कोशिश की है। इसके अलावा, अनंत सिंह का नाम एके-47 रखने के मामले में पहले भी सामने आ चुका है, और इस मामले में एक समय वह रिहा हो चुके थे। हालांकि, इस बार उनका एके-47 प्रेम एक बार फिर उनके लिए मुश्किल खड़ा कर सकता है, क्योंकि यह गैंगवार और उनके खिलाफ उठते आरोप उनके लिए नई चुनौतियां पेश कर रहे हैं।
अनंत सिंह का नाम एके-47 रखने, गैंगवार और अपराध से जुड़ी घटनाओं में लगातार उछलता रहा है। इससे यह साफ है कि उनका प्रभाव और अपराध की दुनिया में उनकी पैठ भी मजबूत रही है। अब यह देखना होगा कि इस बार पुलिस और राज्य सरकार किस तरह से इस विवाद को सुलझाती है और अनंत सिंह पर क्या प्रभाव पड़ता है, खासतौर से जब उनकी राजनीतिक स्थिति भी इस मामले में उलझी हुई है।
Updated on:
24 Jan 2025 04:01 pm
Published on:
24 Jan 2025 12:49 pm
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