
supreme court of India
Government Free Scheme: हर राज्य में होने वाले चुनाव के समय राजनीतिक दलों द्वारा ऐसी योजनाओं को फ्री में देने का ऐलान किया जाता है। चाहे बस यात्रा हो या फिर राशन की व्यवस्था। जब राजनीतिक दल की चुनाव में जीत होती है तो मुफ्त की सरकारी योजनाओं (Government Schemes) को राज्य में लागू भी किया जाता है। देश के कई राज्य ऐसे हैं, जहां इस समय जनता के लिए फ्री योजनाएं चल रही हैं। हालांकि, अब ऐसी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है कि देश के कई राज्यों में चल रही सभी मुफ्त की सरकारी योजनाएं बंद हो जाएंगी। आइये जानते हैं क्या सही में ऐसा कुछ होने जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनाव के दौरान फ्रीबीज (चुनावी रेवड़ियों) के वादे को लेकर एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका में मांग की गई है कि चुनावों के दौरान किसी भी तरह के फ्री वादे को रिश्वत करार दिया जाए। साथ ही चुनाव आयोग को इलेक्शन के दौरान राजनीतिक दलों के द्वारा की जाने वाली मुफ्त योजनाओं के वादे को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही पीठ ने इस याचिका को अन्य लंबित मामलों के साथ जोड़ दिया है।
पीठ ने याचिकाकर्ता को छूट देते हुए कहा कि वो सभी याचिकाओं पर जल्द सुनवाई के लिए अनुरोध कर सकता है। देश में बीते कुछ समय में चुनाव के समय फ्री योजनाओं को देने की मांग ने जोर पकड़ा है। लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनावों तक इसकी गूंज सुनाई दी है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने कुछ यूनिट फ्री बिजली और मुफ्त पानी देने का वादा किया। इसके अलावा कांग्रेस ने भी कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान इसी तरह के वादे किए। वहीं, भाजपा शासित राज्यों में भी मुफ्त सरकारी योजनाएं चल रही हैं। फ्रीबीज (चुनावी रेवड़ियों) के वादे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही कई याचिकाएं लंबित हैं। पूर्व चीफ जस्टिस एनवी रमना, पूर्व सीजेआई जस्टिस यूयू ललित की पीठ पहले ही फ्रीबीज मामले में सुनवाई कर चुकी है। हाल ही में डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की है।
Updated on:
17 Oct 2024 10:44 am
Published on:
17 Oct 2024 09:41 am
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