
मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ (Photo-IANS)
Religious Place Stampede: मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ना आम बात है। कई बार भारी भीड़ के कारण भगदड़ जैसी दुर्घटना हो जाती है, जिसमें लोगों की जान भी चली जाती है। सबरीमाला मंदिर से लेकर मनसा देवी मंदिर तक में भगदड़ के कारण कई लोगों की जान गई है। रविवार को हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर (Mansa Devi temple Stampede) में भगदड़ मच गई। इस हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई जबकि कई घायल हो गए। बताया जा रहा है कि भारी भीड़ के कारण अफरा-तफरी मच गई।
बताया जा रहा है कि प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर की ओर जाने वाली सीढ़ियों पर भगदड़ हो गई। दरअसल, सीढ़ियों पर लगे पिलर में शॉर्ट सर्किट की अफवाह से वहां पर भगदड़ की स्थिति बन गई।
बता दें कि मंदिरों में भगदड़ मचने और मौत होने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले सबरीमाला मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर से लेकर महाकुंभ मेले तक पिछले कई सालों में भगदड़ की ऐसी घटनाएं सामने आई है, जिसमें लोगों की मौत हुई है।
29 जून 2025 को पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ मच गई। इस हादसे में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई और करीब 50 से अधिक घायल हुए। भीड़ प्रबंधन की कमी से स्थिति बिगड़ी।
गोवा के शिरगांव में 3 मई 2025 को श्री लैराई जात्रा के दौरान भगदड़ मच गई। इस हादसे में करीब 6 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हो गए। हादसा उस समय हुआ जब जात्रा में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा हो गए और भीड़ के बीच अफरा-तफरी मच गई।
8 जनवरी 2025 को तिरुपति मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन काउंटर पर भगदड़ मच गई। इस हादसे में 6 श्रद्धालुओं की मौत हुई, 50 घायल हुए। भीड़ प्रबंधन की कमी और टोकन वितरण में अव्यवस्था कारण बनी। सरकार ने जांच और मुआवजे की घोषणा की।
हाथरस में 2 जुलाई 2024 को सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। इस हादसे में 121 लोगों की मौत हुई, ज्यादातर महिलाएं और बच्चे। भीड़ प्रबंधन की कमी और अव्यवस्था कारण बनी। यह हादसा बाबा नारायण हरि के समागम में हुआ था।
वैष्णो देवी मंदिर में 1 जनवरी 2022 को गेट नंबर 3 पर भगदड़ मच गई। इस हादसे में 12 श्रद्धालुओं की मौत हुई। दरअसल, भारी भीड़ के कारण भगदड़ हो गई थी।
पटना के गांधी मैदान में 3 अक्टूबर 2014 को दशहरा उत्सव के दौरान रावण दहन के बाद भगदड़ मच गई। इस हादसे में 32 लोगों की मौत हुई और 26 घायल हो गए।
पटना में गंगा नदी के किनारे 19 नवंबर 2012 को छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल ढह गया, जिससे भगदड़ मच गई। इस हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई।
14 जनवरी 2011 को केरल के सबरीमाला मंदिर में भगदड़ मच गई। इसमें 106 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में 3 अगस्त 2008 को चट्टान गिरने की अफवाह के कारण भगदड़ मच गई। इसमें 162 लोग मारे गए और 47 घायल हुए।
12 अगस्त 2024 को बाबा सिद्धनाथ मंदिर में भगदड़ मच गई। दरअसल, यह हादसा मंदिर परिसर में फूल बेचने वाले और भक्तों के बीच विवाद में हुआ। इससे तनाव पैदा हो गया और भगदड़ मच गई। इस हादसे में करीब 7 लोगों की मौत हुई थी.
बता दें कि ज्यादातर हादसों में स्थानीय प्रशासन की अव्यवस्था सामने आई है। भारी भीड़ ने प्रशासन की व्यवस्था की पोल खोल दी है, जिससे भगदड़ की स्थिति पैदा हो जाती है।
Published on:
27 Jul 2025 04:17 pm
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