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सरकारी ब्लड बैंक की लापरवाही से फैला HIV, पत्रिका के खुलासे से हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग

मध्यप्रदेश के सतना जिले में सरकारी रक्त कोष की गंभीर लापरवाही का भयावह मामला सामने आया है। थैलेसीमिया पीड़ित छह मासूम बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने से वे एचआईवी पॉजिटिव हो गए।

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HIV

एचआईवी पॉजिटिव (प्रतीकात्मक तस्वीर)

HIV Spread Through Government Blood Bank in Satna: मध्यप्रदेश के सतना जिले में थैलेसीमिया पीडि़त मासूम बच्चे सरकारी रक्त कोष के संक्रमित रक्त से एचआइवी पॉजिटिव हो गए हैं। पत्रिका के खुलासे के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव की निगरानी में जांच समिति गठित की गई है।

उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान ले लिया है। आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया कि संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किए जाएंगे। पत्रिका की पड़ताल में सामने आया है कि रक्तदाता से रक्त लेने से लेकर बच्चों को रक्त चढ़ाने तक हर स्तर पर घोर लापरवाही बरती गई। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि तय गाइडलाइन के अनुसार सभी जांचें की गई होतीं, तो यह स्थिति नहीं बनती। जांच में यह भी सामने आया कि चार नहीं, बल्कि छह बच्चे एचआइवी से संक्रमित पाए गए हैं। इसकी पुष्टि कलक्टर ने भी की है। बीते चार महीनों से इस गंभीर लापरवाही पर पर्दा पड़ा रहा। मंगलवार को पत्रिका ने खुलासा किया था कि थैलेसीमिया पीडि़त बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाया गया, जिससे वे एचआईवी संक्रमित हो गए।

लापरवाही की चेन

गाइडलाइन के अनुसार रक्त लेने से पहले रक्तदाता के ब्लड ग्रुप, शुगर, मलेरिया, एचआइवी, हेपेटाइटिस बी और सी सहित अन्य जांच अनिवार्य होती हैं। अन्य ब्लड बैंकों से रक्त लेने की स्थिति में पत्राचार भी जरूरी है, जो नहीं किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि स्क्रीनिंग प्रोटोकॉल में हुई चूक की तह तक जाना जरूरी है।

संख्या बढ़ी, छह बच्चे पॉजिटिव

कलक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने बताया कि कुल छह बच्चे एचआइवी पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें एक बच्चे के माता-पिता पॉजिटिव हैं, जबकि शेष बच्चों के माता-पिता निगेटिव हैं।

मामले की जड़ तक पहुंचेंगे: उप मुख्यमंत्री

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि समिति सतना जाकर जांच करेगी और यह पता लगाएगी कि संक्रमण कैसे फैला। बच्चों को कब, कहां और कितना रक्त चढ़ाया गया, इसकी पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।