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GST Reforms: फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक्स के शौकीनों की जेब होगी ढीली, लगा 40 परसेंट GST

GST Reforms: सरकार ने कई जरूरी सामानों पर जीएसटी की दर घटा दी है। वहीं, कोल्ड ड्रिंक्स और फास्ट फूड के शौकीनों को तगड़ा झटका दिया है। इन पर अब 40 फीसदी टैक्स लगेगा। पढ़ें पूरी खबर...

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फास्ट फूड पर 40 फीसदी GST (फोटो-IANS)

GST Reforms: बुधवार को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में कई फैसले लिए गए। GST परिषद ने 12 और 28 प्रतिशत वाले स्लैब को खत्म कर दिया। इसी के साथ ही सरकार ने सिगरेट, गुटखा, पान मसाला और तमाम तंबाकू उत्पादों पर भारी भरकम GST लगाई है। इस लिस्ट में अब कोल्ड ड्रिंक्स और फास्ट फूड भी शामिल हैं। सरकार ने इन पर 40 फीसदी GST लगाया है। यानी की जंग फूड के शौकीनों को भी अब अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी।

सिगरेट के बढ़े दाम

अगर अभी एक सिगरेट का पैकेट 256 रुपए में मिलता है, तो नई दरों के बाद इसकी कीमत लगभग 280 रुपये हो जाएगी। मतलब धुआं उड़ाने वालों को जेब से 24 रुपए और खर्च करने पड़ेंगे। इसी तरह गुटखा, जर्दा और तंबाकू जैसे उत्पादों की कीमतों में भी भारी इजाफा देखने को मिलेगा।

फास्ट फूड पर GST लगाने का क्या है तर्क?

सरकार ने फास्ट फूड और जंक फूड पर भी 40 फीसदी जीएसटी लगाने का ऐलान किया है। अब कार्बोनेटेड और फ्लेवर युक्त शुगरी ड्रिंक्स पर भी 40 फीसदी जीएसटी लगेंगे। इसके पीछे तर्क है कि ऐसे उत्पाद स्वास्थ्य और पर्यावरण पर बुरा असर डालते हैं, और इनकी खपत को नियंत्रित करना जरूरी है।

इमार्क ग्रुप की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का फास्ट फूड बाजार 18.6 बिलियन डॉलर का था, जो 2025-2033 तक 7.1% की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 35.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। बीते कुछ सालों में युवाओं में जंक फूड का क्रेज काफी बढ़ा है। एक रिपोर्ट की मानें तो 94% पुरुष और 96% महिलाएं सप्ताह में कम से कम एक बार फास्ट फूड खाते हैं। बर्गर, पिज्जा और चिकन-आधारित व्यंजन सबसे लोकप्रिय हैं। सरकार जंग फूड कल्चर को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकार ने फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक्स पर 40 फीसदी जीएसटी लगाते हुए यह तर्क भी दिया है।

फास्ट फूड कल्चर से बढीं समस्याएं

डॉक्टरों का कहना है कि फास्ट फूड की अधिक खपत से मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। 2023 में 23% भारतीय वयस्क मोटापे से ग्रस्त थे। विशेषज्ञों का कहना है कि हाई फैट और चीनी युक्त आहार बच्चों और किशोरों में गंभीर समस्याओं को बढ़ा रहा है।