Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद विमान दुर्घटना में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Vijay Rupani plane crash) की मौत हो गई। वे बलवंतराय मेहता (,Balwantrai Mehta air attack) के बाद ऐसा दुर्भाग्य झेलने वाले गुजरात के दूसरे सीएम हैं। यह त्रासदी वाईएसआर रेड्डी और दोरजी खांडू की मृत्यु की भी याद दिलाती है - ये दोनों मुख्यमंत्री हवाई दुर्घटनाओं (Gujarat CM air crash)में मारे गए थे। इस तरह गुजरात ने अपने राजनीतिक इतिहास का तब एक और गंभीर और दर्दनाक अध्याय दोहराया जब अहमदाबाद विमान दुर्घटना में 2026 से 2021 मे राज्य के मुख्यमंत्री रहे भाजपा नेता विजय रूपाणी (Former Gujarat CMs died in plane crash) की मौत हुई। विजय रूपाणी उन यात्रियों में शामिल थे, जो 787 ड्रीम लाइनर विमान में सवार थे। हादसे में ब्रिटेन, पुर्तगाल और कनाडा के भी यात्रियों की मौत हो गई।
विजय रूपाणी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री थे। उनका जन्म 2 अगस्त 1956 को बर्मा (अब म्यांमार) के रंगून (अब यांगून) शहर में हुआ था। उनका परिवार बाद में राजकोट, गुजरात में बस गया। रूपाणी का राजनीतिक जीवन छात्र जीवन से ही शुरू हुआ था, जब वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक बने। आपातकाल के दौरान, 1975 में, उन्होंने भुज और भावनगर जेलों में 11 महीने की सजा काटी ।
रूपाणी ने 1987 में राजकोट नगर निगम के सदस्य के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। इसके बाद, वे नगर निगम के विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे और 1996-97 में राजकोट के महापौर बने। 2006 में, वे गुजरात पर्यटन निगम के अध्यक्ष बने और "खुशबू गुजरात की" अभियान की शुरुआत की, जिससे राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिला ।
उन्होंने सन 2014 में राजकोट पश्चिम विधानसभा सीट से उपचुनाव में जीत हासिल की और नवंबर 2014 में मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की कैबिनेट में मंत्री बने। फरवरी 2016 में, वे गुजरात भाजपा के अध्यक्ष बने। अगस्त 2016 में, आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद, विजय रूपाणी को गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया ।
रूपाणी ने 7 अगस्त 2016 को गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके कार्यकाल में, उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की और भाजपा के नेतृत्व में राज्य में विश्वास बनाए रखा। 2017 के विधानसभा चुनाव में, उन्होंने राजकोट पश्चिम सीट से फिर से जीत हासिल की। हालांकि, 11 सितंबर 2021 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह भूपेंद्र पटेल ने पदभार संभाला ।
विजय रूपाणी की पत्नी का नाम अंजलि रूपाणी है, और उनके दो बच्चे हैं—पुजित (जो एक दुर्घटना में निधन हो गए) और राधिका। पुजित के निधन के बाद, उन्होंने पुजित रूपाणी मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना की, जो चैरिटी कार्यों में संलग्न है ।
विजय रूपाणी का अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आई, जिसमें 242 यात्री सवार थे। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, विजय रूपाणी भी इस विमान में सवार थे, और उन्हें गंभीर चोटें आईं।
पूरा नाम: बलवंतराय गोपालजी मेहता।
जन्म: 19 फरवरी 1900, भावनगर, ब्रिटिश भारत।
मृत्यु: 19 सितंबर 1965, सुथारी, गुजरात (पाकिस्तानी हवाई हमले में शहीद)।
पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस।
पत्नी: सरोजबेन मेहता।
बलवंतराय मेहता का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने समलदास कॉलेज, भावनगर और गुजरात कॉलेज, अहमदाबाद में अध्ययन किया, लेकिन ब्रिटिश सरकार से डिग्री स्वीकार करने के बजाय उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। 1920 में असहमति आंदोलन में भाग लेने के बाद, उन्होंने 1921 में भावनगर प्रजा मंडल की स्थापना की और 1930-32 के सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी सक्रिय रूप से भाग लिया। 1942 के 'भारत छोड़ो आंदोलन' में भाग लेने के कारण उन्हें तीन वर्षों की सजा हुई, जिससे कुल मिलाकर उन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान लगभग सात वर्षों तक कारावास में बिताए।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, बलवंतराय मेहता ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सक्रिय भूमिका निभाई। 1952 और 1957 में वे लोकसभा के सदस्य चुने गए और 1957 में 'कम्युनिटी डेवलपमेंट प्रोग्राम' और 'नेशनल एक्सटेंशन सर्विस' की कार्यप्रणाली की समीक्षा के लिए गठित समिति के अध्यक्ष बने। इस समिति की रिपोर्ट ने 'लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण' की सिफारिश की, जो बाद में पंचायती राज के रूप में विकसित हुआ। इस योगदान के कारण उन्हें 'पंचायती राज के निर्माता' के रूप में सम्मानित किया गया।
वे 25 फरवरी 1963 को गुजरात के दूसरे मुख्यमंत्री बने। उनके कार्यकाल में उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की। हालांकि, 19 सितंबर 1965 को भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनका विमान पाकिस्तान द्वारा गिरा दिया गया, जिसमें वे शहीद हो गए।
बलवंतराय मेहता भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे। उनकी शहादत ने न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया। उनकी पुण्यतिथि 19 सितंबर को 'पंचायती राज दिवस' के रूप में मनाई जाती है, और उनकी याद में 17 फरवरी 2000 को भारत सरकार ने उनकी 100वीं जयंती पर विशेष डाक टिकट जारी किया।
राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने इसे “गुजरात की राजनीतिक विरासत पर गहरा आघात” बताया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इसे "एक अपूरणीय क्षति" कहा और राज्य में दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
DGCA की प्रारंभिक रिपोर्ट का इंतज़ार है।
ब्लैक बॉक्स रिकवरी जारी है।
हादसे के कारणों की जांच के लिए विशेष समिति गठित।
दुर्घटना स्थल पर राहत कार्य और DNA पहचान जारी।
साइड एंगल: दो मुख्यमंत्रियों की हादसे के कारण हुई मौत
यह संयोग नहीं, बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण इतिहास है कि गुजरात के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री, जिन्होंने विभिन्न युगों में जनता का विश्वास जीता, एक ही प्रकार की त्रासदी का शिकार हुए।
बलवंतराय मेहता: 1965, पाकिस्तान से युद्धकालीन हमला
विजय रूपाणी: 2025, शांति काल में तकनीकी या सुरक्षा चूक की संभावित वजह
बहरहाल दोनों नेताओं की छवि जनता के बीच बेहद लोकप्रिय थी—बलवंतराय को "पंचायती राज के पिता" के रूप में और रूपाणी को "व्यवस्थित प्रशासन और विनम्र नेतृत्व" के लिए जाना जाता है।
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Updated on:
13 Jun 2025 12:45 pm
Published on:
12 Jun 2025 09:05 pm