
रूस यूक्रेन वार (फोटो-IANS)
Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध में हरियाणा (Haryana) के हिसार की युवक सोनू (28) की ड्रोन हमले में मौत हो गई। सोनू का शव बुधवार को पैतृक गांव पहुंचा। ग्रामीणों ने केंद्र सरकार से सोनू को शहीद का दर्जा देने की मांग की। सोनू के अंतिम संस्कार में नारनौंद से विधायक जस्सी पेटवाड़ भी पहुंचे। उन्होंने मोदी सरकार से रूस गए हरियाणा के युवाओं को वापिस लाने की मांग की। सोनू की मौत ने हरियाणा के उन छह लापता युवकों के परिवारों को सदमें डाल दिया है। जो काम की तलाश में रूस गए थे।
सोनू के परिवार ने कहा कि वह और करम उन सात भारतीय युवकों में शामिल थे। जिन्होंने इसी साल अगस्त में 15 दिन की ट्रेनिंग ली थी। सोनू के भाई विकास ने कहा कि मुझे 19 सितंबर को एक रूसी मिलिट्री अधिकारी का मैसेज मिला कि सोनू यूक्रेन के हमले में मारा गया है। उसके साथ ट्रेनिंग लेने वाले दूसरे नौजवानों ने हमें बताया कि सोनू को ड्रोन लगा था, जबकि करम के कंधे पर गोली लगी थी। उन्होंने कहा कि राजस्थान के दो युवक अभी भी लापता हैं।
सोनू के साथ ही रूस के लिए जंग लड़ने वाले अमन के परिजनों ने कहा कि वह पहले इंडियन एयरफोर्स की परीक्षा में फेल हो गया था। इसके बाद उसका कनाडा और ऑस्ट्रेलिया का वीजा रिजेक्ट हो गया। वह एक ट्रेवल एजेंट को 5.5 लाख रुपए देकर स्टडी वीजा पर रूस गया था। पढ़ाई के दौरान वह रूस में 70 हजार की सैलेरी पर एक प्राइवेट कंपनी में काम करने लगा। अमन के परिजनों ने कहा कि जब उसका वीजा एक्सपायर होने वाला था तब किसी ने उसे 2.5 लाख महीने की सैलरी और 10 लाख एडवांस देने का लालच दिया। कहा गया है कि एक सिक्योरिटी कंपनी में काम करना होगा, लेकिन इसके बजाय 15 दिन की आर्मी ट्रेनिंग के लिए भेज दिया गया और फिर उसे युद्ध के मोर्चे पर भेज दिया गया। परिजनों ने कहा कि एक रूसी अधिकारी ने हमें बताया कि अमन 19 सितंबर से लापता है। अमन का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसमें उसने पीएम मोदी से वतन वापसी की अपील की थी।
रोहतक का निवासी संदीप भी लापता हो गया है। वह सितंबर 2024 में स्टडी वीजा पर रूस गया था। रूस जाने के लिए उसकी मां ने 6 लाख रुपए का इंतजाम किया था। संदीप के चाचा ने कहा, "अगस्त में रूस के अंबाला से एक एजेंट ने उसे 2.10 लाख मासिक वेतन और 10 लाख एडवांस का वादा करके रूसी सेना में शामिल होने का लालच दिया। 1 अक्टूबर के बाद से हमारा संदीप से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है।
सोनू का अंतिम संस्कार बुधवार को गांव मदनहेड़ी में किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। सोनू की मां कमलेश और बहनें पूनम, सुमन व प्रवीन दिनभर रोते-रोते बेसुध होती रहीं। मां कमलेश को गांव की महिलाएं संभालती रहीं। कमलेश बार-बार एक ही बात कह रही थी..मेरे बेटे ने किसी का क्या बिगाड़ा था। बिना कारण कोई कैसे मार सकता है। सोनू के पिता सतबीर की 18 साल पहले मौत हो चुकी है। उसका बड़ा भाई विकास एक पेट्रोल पंप पर नौकरी करता है।
Published on:
30 Oct 2025 09:50 am
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