
Layoffs in India: देश की दिग्गज दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) व्यापक स्तर पर कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी कर रही है। कंपनी कर्मचारी लागत 25 फीसदी तक घटाना चाहती है। इस घटनाक्रम को ट्रंप टैरिफ का असर माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक डॉ. रेड्डीज कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर चुकी है। विभिन्न विभागों में कार्यरत ज्यादा वेतन वाले कर्मचारियों को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है। इनमें एक करोड़ रुपए से ज्यादा सालाना वेतन वाले कर्मचारी शामिल हैं।
शोध-विकास विभाग में कार्यरत 50 से 55 साल के कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लाई गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के 26,343 कर्मचारी थे। वित्त वर्ष 2024 में उसने 6,281 कर्मचारियों की नियुक्ति की थी। कंपनी के स्थायी कर्मचारियों की संख्या 31 मार्च, 2024 को 21,757 थी। कंपनी ने 2023-24 में कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभ पर 5,030 करोड़ रुपए, जबकि प्रशिक्षण और विकास पर 39.2 करोड़ रुपए खर्च किए।
कर्मचारियों के वेतन-भत्ते और उन पर होने वाले खर्च में 25 फीसदी कटौती की जाती है तो डॉ. रेड्डीज लैब करीब 1,200 से 1,300 करोड़ रुपए बचा सकती है। कंपनी पिछले कई साल से परिचालन क्षमता में सुधार के लिए रणनीतिक कदम उठा रही है। एक विश्लेषक ने कहा, कंपनी ने न्यूट्रास्यूटिकल्स (नेस्ले के साथ संयुक्त उद्यम) और डिजिटल थेराप्यूटिक्स में भी कदम रखा है। अगर ये विभाग उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं तो श्रमबल में कटौती हो सकती है। इन विभागों में बड़े पैमाने पर भर्ती और निवेश किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि डिजिटल थेराप्यूटिक्स इकाई को पूरी तरह बंद किया जा सकता है। न्यूट्रास्यूटिकल विभाग का आकार घटाया जा सकता है। करीब 300 से 400 लोगों को बाहर निकाला जा सकता है। कंपनी मूल कारोबार के विस्तार, विशेष उत्पाद पेश करने, विलय, अधिग्रहण और साझेदारी के माध्यम से नए अवसर तलाशने के साथ लागत कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
Updated on:
15 Apr 2025 10:12 am
Published on:
15 Apr 2025 09:34 am
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