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Himachal Pradesh: बाढ़ के कहर ने छिने मां बाप, अब 10 महीने की नीतिका बनी ‘चाइल्ड ऑफ द स्टेट’

हिमाचल प्रदेश के मंडी में बाढ़ में अपने परिवार को खो देने वाली 10 महीने की बच्ची नीतिका को सरकार ने 'चाइल्ड ऑफ द स्टेट' घोषित किया है।

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भारत

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Himadri Joshi

Jul 28, 2025

Nitika

नीतिका ( फोटो - एक्स पोस्ट )

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के चलते आई त्रासदी में कई परिवार बर्बाद हो गए। किसी ने अपने माता पिता को खोया तो किसी के बच्चे उनसे बिछड़ गए। सैकड़ों परिवारों को इस बाढ़ के चलते अपने अपनो से दूर होने का दुख झेलना पड़ा। ऐसी ही कहानी मंडी जिले की रहने वाली 10 महीने की नीतिका की है। जिले में आई भीषण बाढ़ के में नीतिका ने इतनी छोटी सी उम्र में अपने माता पिता को खो दिया और वो अनाथ हो गई। लेकिन अब राज्य सरकार ने नीतीका के भरण पोषण की जिम्मेदारी उठाते हुए उसे 'चाइल्ड ऑफ द स्टेट' घोषित कर दिया है।

पिता की हुई मौत, मां और दादी अभी भी लापता

नीतिका अपने माता पिता और दादी के साथ जिले के तलवाड़ा गांव में रहती थी। 30 जून और 1 जुलाई की दरम्यानी रात को बादल फटने से इलाके में बाढ़ आ गई, जिसमें नीतिका का पूरा परिवार बह गया। नीतिका के पिता, 31 वर्षीय रमेश का शव बरामद होने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। जबकि उसकी मां, 24 वर्षीय राधा देवी, और दादी, 59 वर्षीय पूर्णू देवी, अभी भी लापता हैं।

पड़ोसी ने किया बच्ची को रेस्क्यू

रमेश बाढ़ के पानी को घर में आने से रोकने के लिए बाहर गए थे। रमेश के पीछे पीछे उनकी मां और पत्नी भी उनके घर के बाहर गए, लेकिन उनमें से कोई भी वापस नहीं लौटा। इसके बाद नीतिका के पड़ोसी उसके रोने की आवाज सुन कर उनके घर पहुंचे और उन्होंने बच्ची के रिश्तेदारों को घटना की सूचना दी। फिलहाल बच्ची अपनी बुआ के यहां शिकौरी गांव में रह रही है, जो कि उसके गांव से करीब 20 किलोमिटर दूर है।

सुख-आश्रय योजना के तहत की घोषणा

नीतिका के अनाथ होने की खबर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी थी, जिसके बाद देशभर से कई परिवारों ने उसे गोद लेने की इच्छा जाहिर की थी। जिसके बाद अब घटना के लगभग एक महीना पूरे होने के बाद हिमाचल प्रदेश की सरकार ने मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत नीतिका को चाइल्ड ऑफ द स्टेट घोषित कर दिया है।

राजस्व मंत्री ने दी जानकारी

राज्य के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, राज्य सरकार इस छोटी बच्ची के पालन-पोषण, शिक्षा और भविष्य की पूरी जिम्मेदारी एक लंबी योजना के तहत लेगी। यह बच्ची भविष्य में जो कुछ भी बनना चाहेगी, चाहे डॉक्टर, इंजीनियर या अधिकारी, सरकार उसका सारा खर्च उठाएगी।

योजना के तहत बच्चों को मिलते है कई लाभ

नेगी ने यह भी बताया कि, 2023 में शुरू की गई सुख-आश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों (चाइल्ड ऑफ द स्टेट ) को कई लाभ दिए जाते हैं। इसमें बच्चे के खाने पीने, रहने के साथ साथ उसके कपड़ो से लेकर उसकी शिक्षा का खर्च शामिल है। इसके साथ ही इस योजना के तहत 18 से 27 साल के अविवाहित अनाथ बच्चे, जो बेरोजगार है और जिनके रहने के लिए कोई जगह नहीं है, उनके कौशल विकास का भी खर्च उठाया जाता है।

बच्चों को स्टार्टअप के लिए भी पैसे देती है सरकार

इसमें बच्चों को कपड़े और त्योहारों पर खर्च के लिए भत्ता भी मिलता है। साथ ही उन्हें हर साल राज्य के अंदर या फिर बाहर घूमाने (शैक्षिक भ्रमण) भी लेकर जाया जाता है। अगर यह बच्चे उच्च शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण या कोई कौशल विकास का कोर्स कर रहे हैं, तो सरकार उन्हें अपने निजी खर्चों के लिए स्टाइपेंड भी देती है। इसके अलावा इन बच्चों को किसी तरह का स्टार्टअप शुरु करना हो तो उसके लिए पैसे और घर बनाने के लिए अनुदान (ग्रांट) भी सरकार उपलब्ध कराती है।