हिमाचल प्रदेश में 30 जून की रात आई भयानक बाढ़ मंडी जिले के परवारा पंचायत के तलवार गांव की रहने वाली 11 महीने की बच्ची निकिता के जीवन की सारी खुशियां ही अपने साथ बहा कर ले गई। बाढ़ की तबाही ने निकित की दुनिया उलट दी और उसे एक साल से भी छोटी उम्र में अनाथ कर दिया। बाढ़ के तेज पानी को घर में घूसने से रोकने के लिए घर से बाहर गए निकिता के माता- पिता और दादी कभी लौट कर नहीं आए। पुलिस को निकिता के पिता का शव मिल गया है जबकि जबकि उसकी मां और दादी अभी भी लापता है।
30 जून को बादल फटने की घटना के बाद मासूम निकिता के घर में पानी घुसने लगा तो उसके पिता रमेश कुमार (31) पानी का बहाव दूसरी तरफ करने के लिए घर से बाहर गए। पिता का पीछा करते हुए निकिता की मां राधा देवी (24) और दादी पुर्नु देवी (59) बाहर गई, लेकिन तभी पानी का बहाव अचानक तेज हो गया और तीनों उसमें बह गए। निकिता उस समय घर के अंदर सो रही थी और बाद में पड़ोसियों ने रोती हुई हालत में निकिता को घर में अकेला पाया और उन्होंने उसके रिश्तेदारों को सूचना दी।
मासूम उम्र में निकिता की दुनिया बिखर जाने की इस घटना ने राज्य और उसके बाहर कई लोगों के दिलों को छू लिया है। घटना के सामने आने के बाद से ही कई लोगों ने स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर के निकिता को गोद लेने की इच्छा जताई है। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी कई लोग निकिता को अपने परिवार का हिस्सा बनाने की बात कह रहे है। फिलहाल निकिता अपनी बुआ, तारा देवी के साथ रह रही है।
गोहर की SDM स्मृतिका नेगी ने बताया कि निकिता को गोद लेने के लिए लोग लगातार संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास पर्सनली भी ऐसे लोगों के फोन आ रहे है जो निकिता को गोद लेना चाहते है। उन्होंने आगे कहा कि निकिता बहुत प्यारी बच्ची है और जब भी वह गोहर आती हैं, तो उससे मिलने और उसके साथ समय बिताने की पूरी कोशिश करती हैं।
Published on:
06 Jul 2025 03:43 pm