
netaji subhas chandra bose
देश के स्वतंत्रता संग्राम में अहम किरदार निभाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 125वीं जयंती है। नेताजी का जन्म 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था। उस समय कटक बंगाल प्रेसिडेंसी का हिस्सा हुआ करता था। देशभर में आज नेताजी को श्रद्धांजलि दे रहे है। प्रधानमंत्री मोदी ने आज नेताजी की जयंती के अवसर पर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में उन्हें समर्पित स्मारक के एक मॉडल का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने अंडमान-निकोबार के 21 द्वीपों का शहीदों के नाम पर नामकरण भी किया। हालांकि, उनकी मृत्यु कब और कैसी हुई, ये आज भी एक रहस्य बना हुआ है।
नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा, बंगाल डिविजन के कटक में हुआ था। बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वकील थे। प्रभावती और जानकीनाथ बोस की कुल मिलाकर 14 संतानें थी, जिसमें 6 बेटियां और 8 बेटे थे। सुभाष चंद्र उनकी 9वीं संतान और 5वें बेटे थे।
यह भी पढ़ें- परमवीरों के नाम 21 द्वीप, पीएम मोदी बोले- ये प्रेरणा के स्थल बनेंगे, पीढ़ियां करेंगी याद
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, सुभाष चंद्र बोस की मौत 18 अगस्त, 1945 को एक विमान हादसे में हुई। नेताजी जिस विमान से मंचुरिया जा रहे थे, वह रास्ते में लापता हो गया। यह दुर्घटना जापान अधिकृत फोर्मोसा (वर्तमान ताइवान) में हुई थी। उनके विमान के लापता होने से ही कई सवाल खड़े हो गए। ऐसा कहा जाता है कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस हादसे में नेताजी बच गए थे या मारे गए थे, इसके बारे में आज तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है।
नेताजी के ज्यादातर विमान दुर्घटना वाली थ्योरी को तथ्यहीन मानकर स्वीकार नहीं करते हैं। हादसे के बाद से ही उनके निधन को लेकर कई प्रकार की थ्योरी सामने आईं और लंबे समय तक जारी रहीं। आजादी के बाद भारत सरकार नेताजी की मृत्यु की जांच के लिए तीन बार आयोग का गठन कर चुकी है। जिनमें से दो ने आयोग तो पुष्टि कर चुकी है कि नेताजी की मृत्यु विमान दुर्घटना में हुई थी।
वहीं, कुछ ही दिन बार जापान सरकार ने पुष्टि की कि ताइवान में उस दिन कोई विमान हादसा हुआ ही नहीं। इस बयान से संशय और बढ़ गया कि जब कोई विमान हादसा हुआ ही नहीं तो नेताजी गए कहां।
Published on:
23 Jan 2023 02:31 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
