
How Bharatiya Janata Party got Lotus : देश में भारतीय जनता पार्टी को 40 साल हो गए है। बीजेपी की 6 अप्रैल, 1980 में स्थापना हुई थी। एक समय ऐसा था जब इस पार्टी ने सिर्फ 2 सीटें जीती थी, लेकिन वर्तमान में बीजेपी 300 से ज्यादा सीटें जीतकर देश में राज कर रही है। मौजूदा वक्त में बीजेपी सबसे मजबूत पार्टी बनी हुई है। साल 2014 के बाद 2019 में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई है। अब 2024 लोकसभा चुनाव को जीतकर भाजपा जीत की हैट्रिक लगाने की हुंकार भर रही है। क्या आपने कभी सोचा है कि किसी भी राजनीतिक दल को चुनाव लड़ने के लिए ‘चुनाव चिन्ह’ कैसे दिया जाता है। मतलब कांग्रेस को 'पंजा', बीजेपी को 'कमल' और आम आदमी पार्टी को 'झाडू' का सिंबल कैसे मिला।
चुनाव आयोग ने साल 1951-52 में पहले लोकसभा चुनाव से पहले महसूस किया कि देश में चुनाव चिन्ह जरूरी हैंं। राजनीतिक दलों को चुनाव चिन्ह दिए जाने की जरूरत शिक्षा की कमी से जुड़ी थी। लोग कम-पढ़े लिखे हैं और साक्षरता दर 20 फीसदी से कम है। इससे लोग आसानी से पहचान कर अपनी पंसदीदा पार्टी को अपना वोट कर सके। उस समय तय किया कि मंदिर, गाय और राष्ट्रीय ध्वज जैसी धार्मिक या भावनात्मक जुड़ाव वाली किसी भी चीज को चुनाव चिन्ह के तौर पर नहीं दिया जाएगा। चुनावा आयोग ने पार्टियों को चयन के लिए 26 चुनाव चिन्ह दिए गए।
भारतीय जनसंघ (बीजेएस) को 7 सितंबर, 1951 को चुनाव चिन्ह के रूप में ‘दीपक’ आवंटित किया गया था। बीजेएस ने 1977 तक ‘दीपक’ का उपयोग जारी रखा। इसके बाद जनता पार्टी में विलय हो गया। हालांकि जनता पार्टी को जल्द ही कई विभाजनों का सामना करना पड़ा। 6 अप्रैल, 1980 को कुछ नेताओं का एक ग्रुप दिल्ली पहुंचा। अटल बिहारी वाजपेयी के मुलाकात कर अपनो नेता घोषित कर दिया। इसके बाद दोनों ग्रुप असली जनता दल होने की बात कहने लगे। चुनाव आयोग ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि तब तक अंतिम फैसला नहीं हो जाता तब तक नाम को कोई उपयोग नहीं करेगा।
इसके बाद साल 1980 में चुनाव आयोग ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की अगुआई में भारतीय जनता पार्टी को मान्यता दी। इसके साथ ही बीजेपी को ‘कमल के फूल’ चुनाव चिन्ह के रूप में दिया गया है। कमल के फूल को हिन्दू परंपरा से जोड़कर भी देखा जाता है।
Updated on:
19 Apr 2024 12:10 pm
Published on:
19 Apr 2024 12:09 pm
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