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Monsoon Update : मानसून अपने अंतिम पड़ाव पर है। बीते कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में बारिश का दौर थम जाने से गर्मी और उमस से लोगों का बुरा हाल है। इसी बीच राहत की खबर आ रही है कि आने वाले पांच दिनों में खूब बारिश होने वाली है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने नया अपडेट दिया है कि आने वाले दिनों में झमाझम बारिश होगी। मौसम विभाग के अनुसार, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, पूर्वोत्तर भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय के सुदूर इलाकों में अगले पांच दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है। असम और मेघालय में 31 अगस्त लेकर 3 सितंबर तक भारी बारिश हो सकती है।
इन राज्यों में होगी बारिश
मौसम विभाग ने ताजा अपडेट जारी करते हुए कहा कि आने वाले पांच दिनों में देश के कई हिस्सों में बारिश होने के आसार है। असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी अगले पांच दिनों तक अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही आईएमडी ने यह भी कहा है कि पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 31 अगस्त और ओडिशा में 2 और 3 अगस्त को भारी बारिश हो सकती है।
यहां हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, केरल और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। इसके साथ तमिलनाडु में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश संभव है। पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, विदर्भ, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और बिहार, झारखंड और ओडिशा में झमाझम बारिश होने की संभावना है।
राजस्थान, यूपी और बिहार के कई हिस्सों में झमाझम बारिश
बुधवार को उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार के कुछ जगहों पर बुधवार को बारिश हुई है। राजस्थान की राजधानी में शाम को बारिश हुई। इस बारिश से लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली है। बारिश के बाद मौसम खुशनुमा हो गया है और तापमान में भी गिरावट आई है। मौसम विभाग ने पहले ही बारिश को लेकर अलर्ट जारी कर दिया था।
अल-नीनो के साथ दो और प्रणालियां सक्रिय
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र का कहना है कि अगस्त में सामान्य से कम बारिश का मुख्य कारण अल-नीनो है। दूसरा कारण दक्षिण चीन सागर में कम दबाव वाली प्रणालियों की कम संख्या भी है। मौजूदा अल नीनो स्थितियों के प्रभाव में बंगाल की खाड़ी पर सामान्य पांच के मुकाबले केवल दो कम दबाव वाली प्रणालियां बनी हैं। इसके साथ ही ‘मैडेन जूलियन ऑसिलेशन’ (एमजेओ) का प्रतिकूल चरण भी देखा जा रहा है। यह एक समुद्री-वायुमंडलीय घटना है, जो मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करती है।
Published on:
30 Aug 2023 06:27 pm
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