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बिहार में ‘खेला’ से ‘इंडिया’ गठबंधन की राह हुई मुश्किल, बिहार-महाराष्ट्र की 88 सीटों पर विपक्ष का समीकरण बिगड़ा

Bihar Political Crisis: बिहार में 'खेला' से 'इंडिया' गठबंधन की राह मुश्किल हो गई है। भाजपा ने बिहार-महाराष्ट्र की 88 सीटों पर विपक्ष का खेल बिगाड़ दिया है। आने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा मिलना तय माना जा जा रहा है।

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Bihar Political Crisis: बिहार में जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार का सियासी ‘खेला’ कर पाला बदलने से इंडिया गठबंधन की राह मुश्किल हो गई है। भाजपा ने सधी रणनीति से महाराष्ट्र की 48 और बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर विपक्ष का खेल बिगाड़ दिया है। इसके साथ अब गठबंधन में शामिल कांग्रेस, टीएमसी, आप, सपा जैसे दलों के अलग-थलग होकर लोकसभा चुनाव में जाने की आशंका खड़ी हो गई है। भाजपा भी यही चाहती है कि विपक्षी दल अलग-अलग चुनाव लड़े, जिससे उनके वोटों का बिखराव हो और भाजपा की राह आसान होती चली जाए।


बिहार के बाद महाराष्ट्र में भी होगा खेला

दरअसल, 2022 में नीतीश कुमार के भाजपा का साथ छोड़ा था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस को आगे की राह दिखाई। भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले सबसे मुश्किल हालात का सामना बिहार और महाराष्ट्र में कर रही थी। इन दोनों राज्यों में 88 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से 2019 में एनडीए ने 80 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सधी रणनीति से विपक्ष को कुंद कर दिया है। जहां बिहार में जेडीयू पूरी तरह से भाजपा के साथ खड़ी हो गई है, वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना के दो टुकड़े हो चुके हैं। अब बिहार में कांग्रेस, आरजेडी को जेडीयू से और महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना उद्धव को शिवसेना शिंदे से मत विभाजन का खतरा बना हुआ है। ऐसे में विपक्षी दलों की राह अब बेहद मुश्किल होती दिख रही है।

भाजपा की यह चाल कांग्रेस पर भारी

कांग्रेस को बिहार व महाराष्ट्र में सहयोगियों के साथ सीटें बढ़ने की उम्मीद थी। अब बिहार मे फिर से जेडी (यू) और सहयोगी भाजपा के साथ हैं तो महाराष्ट्र में भी शिवसेना बड़ा धड़ा एनडीए में है। भाजपा ने पहले महाराष्ट्र और अब बिहार में गहरी सियासी चाल से कांग्रेस की उम्मीदों को पस्त कर दिया है।

जनता के बीच गलत संदेश

नीतीश के आप, सपा, टीएमसी जैसे करीब 28 दलों को कांग्रेस के साथ मंच पर खड़ा करने से लगने लगा था कि इंडिया गठबंधन समान विचारधारा वाले मतदाताओं को एकजुट कर लोकसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकता है। पहले सीट शेयरिंग को लेकर गठबंधन में बयानबाजी चली लेकिन अब अब नीतीश के साथ छोडऩे से जनता के बीच विपक्ष को लेकर लगातार गलत संदेश जा रहा है।