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अगर राहत नहीं मिली तो बर्बाद हो जाएंगे… मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी ने की विनती

Rahul Gandhi Defamation Case: राहुल गांधी ने मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। राहुल गांधी की याचिका में कहा गया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट से उनको राहत नहीं दी जाती है तो वह उनके करियर के लिए अच्छा नहीं होगा।

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Defamation Case: राहुल गांधी की SC में याचिका, अगर राहत नहीं मिली तो बर्बाद हो जाएंगे...

Defamation Case: राहुल गांधी की SC में याचिका, अगर राहत नहीं मिली तो बर्बाद हो जाएंगे...

Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को SC में एक अपील दायर की थी। उस याचिका में क्या लिखा गया है इसकी जानकारी छन-छन कर बाहर आ रही है। इस याचिका में सूरत ट्रायल कोर्ट के सजा आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने वाले गुजरात HC के आदेश को चुनौती दी गई है। राहुल गांधी की याचिका में कहा गया है- अगर याचिकाकर्ता को इस मामले में राहत नहीं दी गई तो उनके करियर के आठ साल बर्बाद हो जाएंगे। क्योंकि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के तहत किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो और दो साल की सजा पाने वाला शख्स जेल की अवधि और सजा काटने के बाद भी अगले छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य रहेगा। इस तरह से कुल 8 साल तक राजनीति से दूर रहना पड़ेगा। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर राहुल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का क्या होगा?

पूरा मामला जान लीजिए

दरअसल ये मामला 2019 में शुरू हुआ जब राहुल गांधी द्वारा मोदी उपनाम को लेकर की गई गलत टिप्पणी के मामले में 23 मार्च को सूरत की CJM कोर्ट ने राहुल को दो साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने निर्णय पर अमल के लिए 30 दिन का वक्त दिया था।

बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था- "कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?" इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ IPC की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

केस दर्ज करने के चार साल बाद 23 मार्च को अदालत ने राहुल को इस मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अगले ही दिन राहुल की लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई। जिसके बाद राहुल को अपना सरकारी घर भी खाली करना पड़ा था। कांग्रेस के नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया था।

निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ दो अप्रैल को राहुल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। फिर मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उन्हें अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने भी इस मामले में फैसला सुनाया और राहुल की याचिका खारिज कर दी और कोर्ट ने राहुल की निंदा भी की।