
India-China border clash: Amit Shah Statement, Attacks on Congress
India-China Border Clash: अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को भारत और चीन की सेना के बीच हुए हिंसक झड़प के मामले पर सियासत गरमा गई है। मंगलवार को तवांग झड़प के मसले पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने सरकार पर जानकारी छिपाने और झड़प की जानकारी देर से देने का आरोप लगाया। इस मसले पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में सरकार की ओर से जवाब देने हुआ कहा कि इस झड़प में भारत के किसी भी सेना का न तो निधन हुआ और न हीं उन्हें गंभीर चोट आई। इस मसले पर रक्षामंत्री के बयान से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बयान भी सामने आया है। अमित शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं हुआ है। भारतीय जवानों ने बहुत वीरता से चीनी सेना का मुकाबला किया। उन्होंने कहा कि जब तक भारत में बीजेपी की सरकार है, भारत की एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता है।
अमित शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि लोकसभा में आज विपक्ष ने प्रश्नकाल नहीं चलने दिया, मैं इस कृत्य की निंदा करता हूं। संसदीय कार्य मंत्री ने साफ कहा कि रक्षा मंत्री संसद में इस (तवांग झड़प) पर बयान देंगे। इसके अलावा अमित शाह ने कहा कि भारत के 1 इंच जमीन पर कोई भी कब्जा नहीं हुआ है। हमारे जवानों ने बेहद वीरता दिखाई।
अमित शाह ने कहा कि भारत के 1 इंच जमीन पर कोई भी कब्जा नहीं कर सकता है। हमारे जवानों ने 8 की रात को और 9 की सुबह को जो वीरता दिखाई है, मैं इसकी प्रशंसा करता हूं। सेना ने कुछ ही देर में घुसे हुए सभी लोगों को भगा दिया और हमारी भूमि की रक्षा की। अमित शाह ने भारत-चीन मसले को लेकर कांग्रेस पर भी हमला किया।
अमित शाह ने भारत चीन मसले को लेकर कांग्रेस पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने 1962 भारत चीन युद्ध की याद दिलाने के साथ-साथ राजीव गांधी फाउंडेशन में चीन से आए पैसे की बात भी कही। अमित शाह ने कहा कि प्रश्नकाल की सूची में प्रश्न संख्या 5 देखने के बाद मुझे कांग्रेस चिंता समझ में आई।
सवाल राजीव गांधी फाउंडेशन के विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA) लाइसेंस को रद्द करने के संबंध में था। गृह मंत्री ने फिर दोहराया कि तवांग झड़प पर सरकार का आधिकारिक बयान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सदन में देंगे।
अगर वे अनुमति देते तो मैं संसद में जवाब देता कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-2007 के वित्तीय काल में दौरान चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये का अनुदान मिला, जो FCRA के अनुसार उचित नहीं था, इसलिए गृह मंत्रालय ने कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए इसका पंजीकरण रद्द किया गया।
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Published on:
13 Dec 2022 12:58 pm
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