
India emerging as powerhouse in toy exports: PM Modi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 91वें एपिसोड में देश की जनता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय टॉय इंडस्ट्री को सराहा और कहा कि आज ये सेक्टर जिस सफलता की ओर अग्रसर है उसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट के मामले में भारत पावरहाउस बनकर उभर रहा है। आज दुनियाभर में भारतीय खिलौनों की बात हो रही है, लोकल फॉर वॉकल की गूंज सुनाई दे रही है।
खिलौने के इम्पोर्ट में 70 फीसदी की कमी
पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन में कि भारत द्वारा 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के टॉय का आयात किया जाता था, अब इसमें 70 प्रतिशत की कमी आई है। भारत आयात से अधिक निर्यात कर रहा है। अपनी खुशी जाहिर करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "ये खुशी की बात है कि इस अवधि में भारत ने 2,600 करोड़ रुपये से अधिक के टॉय का विदेशों में निर्यात किया है। जबकि पहले केवल 300-400 करोड़ रुपये के खिलौने ही भारत से बाहर जाते थे। ये सब कोरोना काल में हुआ।"
उन्होंने कहा कि 'मैंने पहले कहा था कि टॉय इंडस्ट्री के क्षेत्र में भारत के पास पावरहाउस बनने की क्षमता है और आज भारत दुनियाभर में इस सेक्टर में पावरहाउस बनकर उभर रहा है।'
इको फ्रेंडली हैं भारतीय खिलौने
पीएम मोदी ने कहा, "भारतीय खिलौने न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि परंपरा और और नेचर दोनों के ही अनुरूप हैं। हमारे देश के युवा, स्टार्ट-अप और उद्यमियों के कारण टॉय इंडस्ट्री ने जो हासिल किया है, जो सफलता हमने हासिल की है, उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।"
पीएम मोदी ने कहा कि 'टॉय इंडस्ट्री में आया ये बड़ा बदलाव इसकी सूक्ष्मता को साबित करता है। आज के निर्माता भारतीय पौराणिक कथाओं, इतिहास और संस्कृति के आधार पर खिलौनों का निर्माण कर रहे हैं। देश में हर जगह टॉय क्लस्टर्स हैं और छोटे उद्यमियों को इससे बहुत लाभ मिल रहा है क्योंकि उनके खिलौने अब देश के बाहर जा रहे हैं। आज भारत के टॉय निर्माता दुनिया के प्रमुख ब्रांडों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।'
पीएम मोदी ने इस दौरान कुछ उदाहरण भी दिए। उन्होंने कहा, 'बैंगलोर में Shumme Toys नाम का एक स्टार्ट-अप पर्यावरण के अनुकूल खिलौने बनाने पर फोकस कर रहा है जबकि गुजरात में Arkidzoo कंपनी AR-बेस्ड फ्लैश कार्ड और स्टोरी बुक्स बना रही है।'
पीएम मोदी ने कहा कि 'हम मोलकर भारतीय टॉय को दुनियाभर में और मशहूर बना सकते हैं। इसके साथ ही मैं बच्चों के परिजनों से ये अनुरोध करता हूँ कि वो भारतीय खिलौनों को अधिक से अधिक खरीदें। बता दें कि पिछले 2-3 सालों में देश में बने खिलौनों के एक्सपोर्ट में 61 % का उछाल आया है। वहीं इम्पोर्ट में 70% की कमी आई है।
Updated on:
31 Jul 2022 02:21 pm
Published on:
31 Jul 2022 02:16 pm
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