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हरिद्वार में दौड़ेगी भारत की पहली पॉड टैक्सी जल्द, जानें क्या होती है पॉड टैक्सी

Pod Taxi in Haridwar उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार जिले को एक बड़ी सौगात दी है। उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन ने हरिद्वार में पॉड टैक्सी चलाने का प्रस्ताव तैयार किया है। मतलब हरिद्वार में पॉड टैक्सी चलाई जाएगी। यह 20.4 किलोमीटर लंबा ट्रैक होगा।

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हरिद्वार में दौड़ेगी भारत की पहली पॉड टैक्सी जल्द, जानें क्या होती है पॉड टैक्सी

यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलने के लिए कुम्भ नगरी हरिद्वार में भारत की पहली पॉड टैक्सी चलाई जा रही है। धामी कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए हरिद्वार जिले को एक बड़ी सौगात दी है। धामी कैबिनेट ने हरिद्वार में 20.74 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर पर्सनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम के तहत पॉड टैक्सी चलाने को मंजूरी दी है। हरिद्वार पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट को पीपीपी मोड पर तैयार किया जाएगा। दरअसल हरिद्वार को कुंभ नगरी भी कहा जाता है। इसलिए यहां अत्याधुनिक यातायात के साधन विकसित करने के लिए उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन ने यहां पर पॉड टैक्सी चलाने का प्रस्ताव तैयार किया है। हरिद्वार के ज्वालापुर के अंतिम छोर से भारत माता मंदिर और दक्ष प्रजापति मंदिर से लेकर लक्सर रोड तक कुल 4 कॉरिडोर बनाए जाएंगे। इन कॉरिडोर में 20.4 किलोमीटर लंबा ट्रैक होगा और यहां पॉड टैक्सी चलाई जाएगी।

उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन ने तैयार की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार

उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन ने इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर दी है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसके लिए टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। भारत में पॉड टैक्सी का यह पहला प्रयोग होगा। इसकी सफलता देश के बाकी शहरों के लिए भी उदाहरण का काम करेगी।

हरिद्वार पॉड टैक्सी रूट के प्रमुख स्टेशन

पॉड टैक्सी के इस रूट पर जो प्रमुख स्टेशन होंगे, उनमें सीतापुर, ज्वालापुर, आर्य नगर, रामनगर, रेलवे स्टेशन, हरकी पैड़ी, खड़खड़ी, मोतीचूर, शांतिकुंज, भारत माता मंदिर, गणेशपुरा मंदिर, जगजीतपुर और लक्सर शामिल हैं। बताया जा रहा है कि डेढ़ साल के अंदर यह प्रोजेक्ट पूरा किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण की ज्यादा जरूरत नहीं होगी।

पॉड टैक्सी क्या है what is pod taxi

पर्सनल रैपिड ट्रांसपोर्ट (पीआरटी) या पॉड कार या पोड टैक्सी एक ही तकनीकी कार के नाम है। पॉड कार को सौर ऊर्जा की मदद से चलाया जाता है। इसको पूरी तरह से स्वचालित बनाया गया है, इसके जरिए 3 से लेकर 6 तक यात्रियों को एक बार में ले जाया जा सकता है। दुनिया में पहली पॉड कार वेस्ट वर्जिनिया यूनिवर्सिटी में सन 1970 में चलाई गई थी।

दिल्ली-हरियाणा सीमा से राजीव चौक चलेगी पॉड टैक्सी

भारत में पॉड टैक्सी चलाने के लिए योजना बन गई है। इस योजना के लिए सरकार करीब 4000 करोड़ रुपए का बजट रख रही है। पॉड टैक्सी एक हवा में उड़ने जैसी कार है। वैसे तो पॉड टैक्सी चलाने के लिए दिल्ली-हरियाणा की सीमा से राजीव चौक तक करीब 12.13 किमी चलाने की घोषणा की गई है, पर अभी इसने मूर्त रूप नहीं लिया है।

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यूपी में भी पॉड टैक्सी चलाने की योजना

यूपी में भी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से यमुना अथॉरिटी के सेक्टर 20-21 तक पॉड टैक्सी चलाने की योजना बनाई गई है। नई डीपीआर तैयार हो गई है। इस परियोजना पर करीब 810 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। पॉड टैक्सी परियोजना को जनवरी 2024 तक अमलीजामा पहनाने का टारगेट रखा गया है।