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भारत में रेबीज से हर दिन 58 मौतें, इनमें से आधे बच्चे, WHO का चौंकाने वाला खुलासा

सुप्रीम कोर्ट ने Stray Dogs को लेकर फैसला सुनाया है, लेकिन रेबीज के मामलों को लेकर WHO की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। भारत में हर दिन रेबीज से 58 मौतें होती हैं।

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आवारा कुत्तों (photo-patrika)

आवारा कुत्तों (photo-patrika)

Rabies Death: दुनिया भर में रेबीज (rabies) से 59 हजार से अधिक मौतें होती हैं। इनमें से 95 फीसदी मामले एशिया (Asia) और अफ्रीका (Africa) से सामने आते हैं। WHO ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि यह आंकड़ा अनुमान से कहीं ज्यादा हो सकता है। WHO के अनुसार, रेबीज के 99% मामले कुत्तों के कारण होते हैं। इससे सबसे अधिक पीड़ित ग्रामीण और गरीब आबादी है। इसमें भी लगभग आधे मामले 15 साल से कम उम्र के बच्चों के आते हैं।

भारत में हर साल रेबीज से 21 हजार मौतें

WHO के अनुसार एशिया में रेबीज एक बड़ी समस्या है, जहां हर साल अनुमानित 35,172 लोगों की मौत इससे होती है। इसमें भी एशिया में से होने वाली मौतों में भारत में सर्वाधिक 59.9% मौतें होती हैं। इस तरह से भारत में रेबीज से होने वाली मौतों की संख्या 21,068 ठहरती है। जिसका आशय है कि भारत में हर रोज करीब 58 मौतें रेबीज से हो रही हैं, जिसमें आधे से ज्यादा संख्या 15 साल से कम के बच्चों की है।

वैश्विक स्तर देखें तो, यह दुनिया में रेबीज से होने वाली मौतों में सर्वाधिक 36% भारत में हो रही हैं। WHO का अनुमान है कि पश्चिमी यूरोप, कनाडा, अमरीका, जापान और कुछ लैटिन अमरीकी देशों से कुत्तों से फैलने वाले रेबीज का उन्मूलन हो चुका है।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों पर आवारा कुत्तों की समस्या पर अपने 11 दिन पुराने आदेश में बड़ा संशोधन करते हुए शुक्रवार को कहा कि दिल्ली समेत पूरे देश में केवल रेबीज ग्रस्त व आक्रामक कुत्तों को ही नगर निकायों की ओर से बनाए गए शैल्टर होम में रखा जाए। बाकी आवारा कुत्तों को नसबंदी व टीकाकरण कर तथा कीड़ानाशक दवा देने के बाद उसी स्थान पर छोड़ा जाए जहां से उसे पकड़ा गया था। कोर्ट ने दिल्ली में शैल्टर होम में रखे गए आवारा कुत्तों को छोड़ने के भी निर्देश दिए।