
Cyclone Biparjoy : अरब सागर से उठा चक्रवात बिपरजॉय (Cyclone Biparjoy) खौफनाक तूफान बनकर गुजरात के तट से टकरा चुका है। इस भयंकर लैंडफॉल के कारण गुजरात के कई इलाकों में लगातार भारी बारिश का दौर जारी है। तेज हवा चल रही है। हालांकि रेस्क्यू टीम इस चक्रवात में फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम कर रही है। हालांकि बिपरजॉय से पहले भी बीते दस सालों में कई समुद्री चक्रवात का सामना भारत कर चुका है। इनमें से ज्यादातर चक्रवातों की उतपत्ति बंगाल की खाड़ी के ऊपर होती है। जिसके बाद ये भारत के तट से टकराते हैं।
इन्हीं तटों से टकराते हैं चक्रवात
फानी, एम्फन और ताउते से लेकर बिपरजॉय तक भारत में कई तूफान पिछले दस सालों में कहर बरपा चुके हैं। वहीं कुछ दशकों में अरब सागर में चक्रवातों की आवृत्ति, अवधि और तीव्रता में काफी वृद्धि भी देखी गई है। एक शोध के मुताबिक, विश्व के करीब आठ प्रतिशत ट्रापिकल साइक्लोन (उष्णकटिबंधीय चक्रवात) भारत से टकराते हैं। दरअसल, यहां कुल तटीय क्षेत्र 7, 516 किमी तक विस्तारित हैं। इन्हीं तटों से चक्रवात टकराते हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हर साल पांच-छह उष्णकटिबंधीय चक्रवात बनते हैं, जिनमें से दो-तीन ही गंभीर हो सकते हैं। पिछले 10 सालों में कई बड़े चक्रवातों ने भारत के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया है। आइए इनपर एक बार नजर डालते हैं।
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चक्रवात 'ताउते'
17 मई, 2021 को बेहद गंभीर चक्रवात 'ताउते' दक्षिणी गुजरात के तट से टकराया था। यह वो समय था जब भारत कोविड-19 की दूसरी लहर के कहर से जूझ रहा था। अमेरिकी 'ज्वाइंट टाइफून वार्निंग सेंटर' के मुताबिक, इसके तहत 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और यह कम से कम दो दशकों में भारत के पश्चिमी तट को प्रभावित करने वाला सबसे ताकतवर उष्णकटिबंधीय चक्रवात था। इस चक्रवात ने 100 से अधिक लोगों की जान ले ली थी, जिनमें से अधिकांश लोगों की मौत गुजरात में हुई थी। इसका असर केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र में भी दिखा था।
चक्रवात अम्फान
20 मई, 2020 में चक्रवात अम्फान पश्चिम बंगाल में सुंदरबन के पास टकराया था। यह चक्रवात 1999 के ओडिशा के सुपर चक्रवात के बाद बंगाल की खाड़ी में आया पहला सुपर चक्रवात था। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के मुताबिक, अम्फान उत्तर हिंद महासागर में रिकॉर्ड किया गया सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाला उष्णकटिबंधीय चक्रवात था। इस चक्रवात में भारत और बांग्लादेश में करीब 14 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो गया था। जबकि 129 लोगों ने अपनी जान गवाई थी।
चक्रवात फेनी
3 मई, 2019 को ओडिशा में पुरी के पास 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आया चक्रवात फेनी भारत के पूर्वी तट से टकराया था। इस बेहद गंभीर चक्रवात की वजह से करीब 64 लोगों की मौत हुई थी। इसने घरों, बिजली के तारों, फसलों, संचार नेटवर्क तथा जल आपूर्ति प्रणाली समेत अन्य अवसंरचना को भारी नुकसान पहुंचा था।
चक्रवात वरदा
12 दिसंबर, 2016 में आया चक्रवात वरदा बहुत ही गंभीर तूफान था। यह चेन्नई के नज़दीक तट से टकराया था। जिसके कारण तमिलनाडु में 18 लोगों की जान चली गई थी। इस चक्रवात से चेन्नई तथा आसपास के इलाकों में अवसंचरना को नुकसान हुआ था, पेड़ गिर पड़े थे और बिजली आपूर्ति बाधित हुई थी।
चक्रवात हुदहुद
12 अक्टूबर, 2014 को आया चक्रवात हुदहुद आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों से को टकराया था। इसके चलते 124 लोगों की मौत हुई थी और इमारतों, सड़कों और विद्युत ग्रिड समेत अवसंरचना को भारी क्षति पहुंची थी। भारी वर्षा, तेज हवाओं, तूफानी लहरों और बाढ़ के कारण विशाखापत्तनम और आस-पास के क्षेत्र काफी प्रभावित हुए थे।
चक्रवात फैलिन
12 अक्टूबर, 2013 को चक्रवात फैलिन ने ओडिशा के गंजम जिले के गोपालपुर के पास तट पर दस्तक दिया था। यह लगभग 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तट से टकराया था। इस चक्रवात से राज्य के 18 जिलों के 171 ब्लॉक में लगभग 1.32 करोड़ लोग प्रभावित हुए और 44 लोगों की मौत हो गई थी।
इन तट पर रहता है सबसे ज्यादा खतरा
पूर्वी तट पर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बंगाल और पश्चिमी तट पर केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और कुछ केंद्र शासित प्रदेशों पर ज्यादा चक्रवात का खतरा रहता है। यहां 32 करोड़ लोग इसके प्रभाव की चपेट में रहते हैं।
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Updated on:
17 Jun 2023 08:01 am
Published on:
16 Jun 2023 02:51 pm
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