
कनाडा में प्रदर्शन करते खालिस्तानी संगठन। (फोटो: एक्स हैंडल विकासप्रतापसिंह राठौर.)
India reaction on Khalistani threats in Canada: खालिस्तानी संगठनों की ओर से हाल ही में कनाडा स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावासों को धमकी देने (India reaction on Khalistani threats in Canada) का मामला सामने आया है। यह घटना भारत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है, खासकर तब जब यह लगातार दूसरी बार है जब ऐसे संगठनों ने विदेश में भारतीय हितों को निशाना बनाया है। इस मामले पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने मीडिया से बात करते हुए साफ कहा (MEA statement on Khalistani issue) कि विदेशी धरती पर भारतीय दूतावासों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मेजबान देश, यानी कनाडा सरकार (Indian consulates threatened in Canada)की है। उन्होंने कहा,"जब भी हमें सुरक्षा को लेकर कोई चिंता होती है, तो हम उसे संबंधित देश के सामने स्पष्ट रूप से उठाते हैं।"
रणधीर जायसवाल ने यह भी बताया कि हाल ही में भारत और कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के बीच इस विषय पर बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि यह बातचीत दोनों देशों के बीच होने वाले नियमित द्विपक्षीय सुरक्षा परामर्श का हिस्सा थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से ले रहा है।
भारत लगातार यह मुद्दा उठाता रहा है कि कनाडा में कुछ चरमपंथी समूह खालिस्तान के नाम पर भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे न सिर्फ भारत की प्रतिष्ठा प्रभावित होती है, बल्कि भारत-कनाडा संबंधों पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
वियना कन्वेंशन के तहत, किसी भी देश में स्थित दूतावासों और कांसुलेट्स की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी मेजबान देश की होती है। ऐसे में यदि कनाडा में भारतीय मिशनों को धमकी दी जाती है, तो कनाडा सरकार का यह कर्तव्य बनता है कि वह सुरक्षा सुनिश्चित करे और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करे।
भारत ने कनाडा से स्पष्ट रूप से मांग की है कि वह खालिस्तानी संगठनों की गतिविधियों पर लगाम लगाए और भारतीय कूटनीतिक परिसरों को पूरी सुरक्षा दे। विदेश मंत्रालय का यह रुख दिखाता है कि भारत अब ऐसे मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरतेगा।
बहरहाल कनाडा में भारतीय दूतावासों को धमकियों का मिलना भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला है। भारत ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और कनाडा सरकार से स्पष्ट जवाबदेही की उम्मीद जताई है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कनाडा सरकार इस पर क्या ठोस कदम उठाती है।
Updated on:
19 Sept 2025 08:05 pm
Published on:
19 Sept 2025 08:04 pm
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