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भारतीय वायुसेना को मिलेंगे आसमान के जंगबाज, 12 सुखोई-30 MKI के लिए एचएएल को टेंडर जारी किया

IAF News: भारतीय वायु सेना आसामानी ताकत बढ़ाने में जुटी हुई है। फिर चाहे वह मिसाइल की बात हो या लड़ाकू विमानों की...

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Indian Air Force: भारतीय वायु सेना अमरीकी राफेल के बाद अब एक दर्जन सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान खरीदने जा रही है। इसके लिए वायु सेना ने 10 हजार करोड़ रुपए का टेंडर भी जारी कर दिया है। भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमानों की कमी को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से 12 लड़ाकू विमान खरीदा जाएगा। विमान का निर्माण भारत में ही किया जाएगा। इसमें 60 फीसदी स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा। भारतीय वायु सेना के 260 से अधिक विमानों के बेड़े में सुखोई-30MKI सबसे आधुनिक है। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने इसी सितंबर में 45 हजार करोड़ रुपए के 9 रक्षा खरीद प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दी थी। इसमें यह भी शामिल था।

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20 साल में खोए 12 सुखोई

भारतीय वायु सेना के पास लड़ाकू विमानों की पहले से ही कमी है। मिग 21 विमानों की उड़ान अब बंद होने के बाद यह गैप और भी बढ़ गया है। राफेल ने कुछ कमी पूरी की है लेकिन पाकिस्तान और चीन दो मोर्चां पर एक साथ लड़ने के लिए लड़ाकू विमानों की काफी कमी है। पिछले 20 सालों में हमने 12 सुखोई विमान भी विभिन्न हादसों में खो दिए हैं। ऐसे में सुखाई विमानों की नई आपूर्ति हवाई रक्षा क्षेत्र को बहुत मजबूत करने का काम करेगी।


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सुखोई-30MKI की खासियत...

सुखोई-30MKI बहुउद्देश्यीय दो सीटों का लड़ाकू विमान है
सुखोई-30MKI कम और अधिक गति से उड़ने में सक्षम है
सुखोई-30MKI एस्ट्रा एके 1 और ब्रह्मोस मिसाइल लांच करने में सक्षम है
सुखोई-30MKI 4.5 पीढ़ी का रूसी विमान है
सुखोई-30MKI में हवा से हवा में ईंधन भरने की क्षमता है
सुखोई-30MKI में एडवांस एवियानिक्स सिस्टम है
सुखोई-30MKI में एडवांस्ड इलेक्ट्रानिक वारफेयर सुइट है।
सुखोई-30MKI में को HAL बनाती है
सुखोई-30MKI की गति 2,110 किलोमीटर प्रति घंटा है
सुखोई-30MKI की रेंज 3,000 किलोमीटर है
सुखोई-30MKI की रेंज तेल भरने के बाद 8000 किलोमीटर तक बढ़ा सकते हैं
सुखोई-30MKI 38,000 किलोग्राम के साथ उड़ान भर सकता है
सुखोई-30MKI सुखोई सू-27 का अपग्रेडेड वर्जन है।
सुखोई-30MKI में लीयुल्का एल-31एफपी आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन लगे हैं।
सुखोई-30MKI 56,800 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
पहला सुखोई विमान रूस ने 2002 में भारत को दिया था।

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