
आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर की प्लानिंग (Photo-ANI)
Operation Sindoor: 22 अप्रैल 2024 को पाकिस्तानी आतंकियों ने 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की निर्ममता से हत्या कर दी। इस आतंकी घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। भारत सरकार (Indian Government) पर आतंकियों (Terrorists) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का बेहद दवाब था। घटना के फौरन बाद दिल्ली में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। इस बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कायराना आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि बस, अब बहुत हो चुका। राजनाथ सिंह की यह बात पाकिस्तान के लिए काल साबित हुई।
थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि राजनाथ सिंह ने जब बैठक में यह कहा तो संदेश साफ था। उन्होंने बताया कि तीनों सेनाओं के प्रमुख भी इस बात पर सहमत थे कि पाकिस्तान को साफ और बड़ा संदेश देने की जरूरत है। द्विवेदी ने कहा कि हमें सरकार से पूरी छूट मिली। सरकार ने कहा कि आप तय कीजिए कि क्या करना है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति ने सेना के मनोबल को बढ़ाया। इसके कारण ही हमारे आर्मी के कमांडर ग्राउंड पर जाकर विवेक से कदम उठा सके। ट
उन्होंने सिलसिलेवार तरीके से बताया कि 25 अप्रैल को हम नॉर्दन कमांड पहुंचे। यहां हमने परिस्थितियों का आकलन किया। योजना बनाई और उसे अमलीजामा पहनाया। हमने 9 टारगेट सेट किए। जिनमें से 7 को नेस्तानाबूत कर दिया। हमने बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराया। जनरल द्विवेदी ने कहा कि आतंकी हमले के सात दिन बाद यानी 29 अप्रैल को हमारी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई। द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर नाम ने पूरे देश को एकसूत्र में बांध दिया। उन्होंने आगे इंडस वाटर ट्रीटी के रद्द करने पर कहा कि आज हमने सिंधु से सिंदूर तक संभाल लिया।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर रोकने की वजह बताई। IIT मद्रास में उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते थे कि दुश्मन का अगला कदम क्या होगा और हमें क्या करना है। इसे ग्रे जोन कहते हैं। ग्रे जोन का मतलब है कि हम पारंपरिक ऑपरेशनों में नहीं जा रहे, बल्कि ऐसे कदम उठा रहे हैं जो उनसे जरा कम स्तर के होते हैं।
उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पारंपरिक ऑपरेशन का मतलब है- पूरी ताकत के साथ जाना, जो कुछ आपके पास है। उसका इस्तेमाल करना और अगर आप वापस आ जाएं तो ठीक, वरना वहीं टिक जाना, उन्होंने आगे कहा कि लेकिन ग्रे जोन वह है। जिसमें सभी डोमेन में गतिविधियां चल रही होती हैं। हम बेहद रणनीतिक तरीके से काम कर रहे थे।
द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शतरंज की खेल की तरह था। हम अपनी चाल चल रहे थे। दुश्मन अपनी चाल चल रहा था। कहीं हम उसे चेकमेट दे रहे थे, कहीं जान की बाजी लगाकर हमला कर रहे थे। यही जिंदगी है।
उन्होंने कहा कि युद्ध के समय परसेप्शन की लड़ाई भी महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर पर तंज कसते हुए कहा, 'अगर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पाकिस्तानी नागरिक से पूछेंगे कि इसमें कौन जीता? तो वह कहेगा हमारा सेना प्रमुख फील्ड मार्शल बन गया, यानी की जीत हमारी हुई। यही जनता की सोच को प्रभावित करने का तरीका है।
Updated on:
10 Aug 2025 09:47 am
Published on:
10 Aug 2025 08:52 am
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