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भारतीय आहार में 62% कार्बोहाइड्रेट जबकि प्रोटीन सिर्फ 12%, इससे बढ़ रहा मोटापा और अन्य बीमारियां

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय खाने में प्रोटीन की मात्रा से कई गुना अधिक कार्बोहाइड्रेट है, जिससे असंतुलन मोटापा, डायबिटीज़ और अन्य मेटाबॉलिक बीमारियां बढ़ती है।

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भारत

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Himadri Joshi

Oct 03, 2025

भारत में तेजी से बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतें स्वाद के लिए भले ही बेहतर हों पर वो हमारी सेहत पर गहरा असर डाल रही हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किए गए एक बड़े राष्ट्रीय अध्ययन में इससे संबंधित चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए गए हैं। स्टडी कहती है कि भारतीय आहार में 62% ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट से आती है, जबकि प्रोटीन की मात्रा औसतन केवल 12% है। खाने में मौजूद यही असंतुलन मोटापा, डायबिटीज़ और अन्य मेटाबॉलिक बीमारियों के तेजी से फैलने का सबसे बड़ा कारण बन रहा है। जरूरी है खाने में मिलेट और डेयरी प्रोटीन को बढ़ावा दिया जाए।

कार्ब से बढ़ता है टाइप2 डायबिटीज का खतरा

स्टडी बताती है कि भारतीय डाइट का बड़ा हिस्सा सफेद चावल और गेहूं के आटे से आता है। नॉर्थ-ईस्ट भारत में रिफाइंड मुख्यतः सफेद चावल का सेवन सबसे ज्यादा (51.7%) है। साउथ और ईस्ट में भी यह 30 से 35% के बीच है। अध्ययन कहता है कि जितना ज्यादा कार्बोहाइड्रेट, उतनी ज्यादा डायबिटीज़ की आशंका। कार्ब से आने वाली 5% अतिरिक्त ऊर्जा से टाइप2 डायबिटीज का खतरा 14% बढ़ा देती है।

भारत में प्रोटीन का मुख्य स्रोत केवल दालें और अनाज

भारतीय थाली में प्रोटीन की हिस्सेदारी केवल 12% है। सिर्फ नॉर्थईस्ट के नागालैंड और मिजोरम अपवाद हैं, जहां यह हिस्सा 16–18% तक जाता है। लेकिन देश के बड़े हिस्से में प्रोटीन का मुख्य स्रोत केवल दालें और अनाज हैं। आश्चर्यजनक रूप से डेयरी और एनिमल प्रोटीन बेहद कम है। डेयरी से औसतन 2% और एनिमल प्रोटीन से सिर्फ 1% प्रोटीन भारत के लोग ले रहे हैं।

कार्बोहाइड्रेट घटाने और प्लांट या डेयरी प्रोटीन बढ़ाने की जरूरत

शोध की लीड लेखर डॉ. आर. एम. अंजना के अनुसार, सिर्फ चावल की जगह गेहूं या मिलेट लेने से फर्क नहीं पड़ेगा। असली जरूरत है कि कुल कार्बोहाइड्रेट घटे और कैलोरी का बड़ा हिस्सा प्लांट या डेयरी प्रोटीन से आए। स्टडी कहती है कि कार्बोहाइड्रेट को कम कर 5% कैलोरी अगर प्रोटीन (प्लांट या डेयरी) से ली जाए तो डायबिटीज और प्री-डायबिटीज़ का खतरा काफी घट सकता है। डॉ. मोहन का सुझाव है कि भारतीय कार्बोहाइड्रेट घटाएं, प्रोटीन और अच्छे फैट बढ़ाएं। तभी मोटापा और डायबिटीज़ की मौजूदा लहर को पलटा जा सकता है।

21 राज्यों में चीनी का सेवन राष्ट्रीय सीमा से ज्यादा

भारत के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चीनी का सेवन राष्ट्रीय सीमा (ऊर्जा में 5% हिस्सेदारी) से ज्यादा है। हालांकि कुल फैट सेवन गाइडलाइन के अंदर है, मगर सैचुरेटेड फैट का हिस्सा खाने में 7% की हेल्थ थ्रेशहोल्ड से ऊपर है। इससे हार्ट डिजीज, मोटापा और हाइपरटेंशन का खतरा भी बढ़ रहा है। भारत में 11.4% भारतीय वयस्क डायबिटिक और 15.3% प्रीडायबिटिक है।