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Indian Railway: 100 रुपए के टिकट पर कितने वसूल रहा है रेलवे, सरकार ने दिया पूरा हिसाब

Indian Railway: केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बुधवार को कहा कि भारतीय रेलवे पर 10 हजार नए जनरल कोच बनाने का काम चल रहा है। वैष्णव ने रेलवे में सुधार के लिए रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 को लोकसभा में पेश किया।

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Inidian Railway: केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बुधवार को कहा कि भारतीय रेलवे हर साल सभी श्रेणियों के यात्रियों को 56 हजार 993 करोड़ रुपए की सब्सिडी देता है। हर टिकट पर 46 प्रतिशत की छूट दी जाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) का जोर आम आदमी के लिए रेलों में जनरल कोच बढ़ाने पर है। दिसंबर तक एक हजार जनरल कोच बढ़ाए जा रहे हैं। जबकि करीब 10 हजार नए जनरल कोच बनाने का काम चल रहा है। वैष्णव ने रेलवे में सुधार के लिए रेलवे (संशोधन) विधेयक 2024 को लोकसभा में पेश किया।

लोकसभा में रेलवे से जुड़े सवाल

लोकसभा में प्रश्नकाल में बुधवार को रेलवे से जुड़े कई सवाल लगे। इनके जवाब में रेल मंत्री वैष्णव ने रोचक जानकारी दी। विभिन्न श्रेणियों के रेल यात्रियों को दी जाने वाली छूट के सवाल के जवाब में वैष्णव ने सदन को बताया कि अगर टिकट की कीमत 100 रुपए है तो रेलवे इसके लिए सिर्फ 54 रुपए लेता है। यानी 46 प्रतिशत की छूट दे रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर एसी, फर्स्ट एसी, सैंकड व थर्ड एसी कोच बढ़ाने पर नहीं है। बल्कि आम आदमी को रेल सुविधा मिले, जिसके लिए जनरल कोच बढ़ाने पर तेजी से काम चल रहा है।

60 साल में 21 हजार किमी, 10 साल में 44 हजार किमी रेल लाइन विद्युतीकृत

वैष्णव ने लोकसभा में रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 को चर्चा के लिए पेश किया। उन्होंने बताया कि यह विधेयक 1905 के रेलवे बोर्ड अधिनियम और 1989 के रेलवे विधेयक को एकीकृत करेगा। रेलवे बोर्ड और रेलवे से जुड़े विधेयक को एकीकृत करने से रेलवे का विकास और कार्यदक्षता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री मोदी ने रेलवे के बजट में कई गुना का इजाफा किया है। जहां पहले रेलवे का 29 हजार करोड़ का सलाना बजट होता था, वह अब बढक़र 2.52 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। इसी तरह 60 साल में महज 21 हजार किलोमीटर रेल लाइन को विद्युतीकृत किया गया, जबकि पिछले दस साल में 44 हजार किलोमीटर लाइन विद्युतीकृत कर दी गई। यूपीए सरकार के समय हर साल 171 रेल हादसे होते थे। यह अब घटकर 29 पर आ गया है। विपक्ष का प्रदर्शन रहा जारी उधर, अदाणी मुद्दे पर बहस की मांग को लेकर इंडिया ब्लॉक के दलों ने बुधवार को भी संसद में प्रदर्शन किया। हालांकि इससे टीएमसी के साथ सपा ने भी दूरी बनाए रखी।

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