
International Labour Day, Know when it started celebrating in India
Labour Day: हर साल दुनिया में 1 मई को इन्टरनैशनल लेबर डे मनाया जाता है। ये दिन मजदूरों को समर्पित है। इसे कई नामों से भी जाना जाता है जैसे लेबर डे, श्रमिक दिवस, मजदूर दिवस, मई डे। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1 मई 1889 से हुई थी लेकिन इसके 34 साल बाद भारत में इसे मनाने की शुरुआत हुई थी।
क्यों 1 मई को ही क्यों मनाया जाता है लेबर डे?
1 मई, 1886 इसी दिन अमेरिका के लेबर यूनियनों नें काम का समय 8 घंटे से ज़्यादा न रखने के लिए हड़ताल की थी। तब मजदूरों से एक दिन में 15 घंटों तक काम लिया जाता था। उस समय ये प्रोटेस्ट काफी समय तक तक चला था जिसमें लगभग 11 हजार फैक्ट्रियों के 3 लाख 80 हजार मजदूर ने हिस्सा लिया था। इस प्रोटेस्ट को रोकने के लिए पुलिस ने गोली तक चलाई थी जिसमें कई मजदूरों की जान चली गई थी और 100 से अधिक की जान चली गई थी। इसके बाद साल 1889 में इंटरनेशनल सोशलिस्ट कॉन्फ्रेंस की मीटिंग में ये फैसला लिया गया कि मजदूरों से केवल 8 घंटे ही काम लिया जा सकता है। इसी दौरान 1 मई से मजदूर दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था और हॉलिडे भी मनाने जाने लगा।
यह भी पढ़े - कर्नाटक के मराठी भाषी गांव महाराष्ट्र में शामिल करने तक जारी रही लड़ाई- अजित पवार
भारत में कब हुई थी इसकी शुरुआत?
भारत में मजदूर दिवस सबसे पहले चेन्नई में 1 मई 1923 से मनाना शुरू किया गया था। तब इसे मद्रास दिवस के तौर पर मनाया जा रहा था।। किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में ये निर्णय लिया गया था। ये दिन इस बात को याद दिलाता है कि मजदूरों के हक और अधिकारों के लिए हमेशा आवाज को बुलंद रखना चाहिए।
Updated on:
01 May 2022 06:30 pm
Published on:
01 May 2022 06:29 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
