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Bangladesh Crisis: क्या बांग्लादेश में हिंदुओं से बर्बरता पर एक्शन ले सकता है भारत, इंटरनेशनल कानून के तहत देश के पास क्या-क्या विकल्प हैं?

International Law on Bangladesh Crisis: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। कई लोगों के मन में सवाल है कि भारत के पास क्या-क्या ऑप्शन बचे हैं? क्या भारत बांग्लादेश में फंसे हिन्दुओं की मदद कर सकता हैं?

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Bangladesh Crisis

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International Law on Bangladesh Crisis: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया। चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करने के इसके बाद से भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ता दिख रहा है। कई लोगों के मन में सवाल है कि भारत के पास क्या-क्या ऑप्शन बचे हैं? क्या भारत बांग्लादेश में फंसे हिन्दुओं की मदद कर सकता हैं? भारत इस समय क्या-क्या कर सकता है? इंटरनेशनल लॉ इस पर क्या कहता है? आपके इन सभी सवालों के जवाब यहां मिल जाएंगे-

भारत के पास हैं ये ऑप्शन

चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद भारत के लिए भी स्थिति आसान नहीं है। सीधा हस्तक्षेप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस समय स्वीकार्य नहीं होगा। ये इंटरनेशनल कानून के खिलाफ एक्शन होगा। बाजी मोहम्मद यूनुस शासन के हाथों में चली जाएगी। बांग्लादेश में घरेलू उग्रवादियों के बीच यह लोकप्रिय नहीं होगा, लेकिन अधिक व्यवहार्य विकल्प यह है कि धैर्य रखा जाए और बांग्लादेश के सामने मौजूद राजनीतिक और आर्थिक संकट को चरम पर पहुंचने दिया जाए। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के कार्यभार संभालने के बाद भारत को लोकतंत्र की बहाली की आड़ में USA में विदेश विभाग और खुफिया एजेंसियों पर दबाव डाल सकता है।

भारत सरकार का है ये रूख

भारत को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह अपनी पूर्वी सीमाओं पर एक प्रतिगामी और शत्रुतापूर्ण इस्लामी शासन को बर्दाश्त नहीं कर सकता। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन और हिंदुओं के उत्पीड़न के प्रति भारत की प्रतिक्रिया काफी अलग रही है। पिछली सरकारों के विपरीत जो बांग्लादेशी हिंदुओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों को पड़ोसी का आंतरिक मामला मानती थीं। नरेंद्र मोदी सरकार ने अब यह स्पष्ट कर दिया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न और उत्पीड़न भारत का भी मामला है। भारत को विदेश मंत्री ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

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