9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Aditya L1: कक्षा बदलने की पहली प्रक्रिया आज पूरी करेगा आदित्य-L1, जानें आगे का प्रोसेस

Aditya L1: इसरो ने शनिवार को पीएसएलवी सी57 लॉन्च व्हीकल से आदित्य एल1 को सफलतापूर्वक लॉन्च है। आदित्य एल1 मिशन भी पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। इसके बाद वह अपने मिशन को पूरा करने के लिए तेजी से सूरज की दिशा में उड़ान भरेगा।

2 min read
Google source verification
isro_aditya_l1_will_complete_first_orbit_change_process_today.png

भारत का पहला सोलर मिशन आदित्य एल1 शुक्रवार को लॉन्च हो चुका है। आज दूसरे दिन इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने जानकारी दी है कि आदित्य एल1 अपनी पहली कक्षा में बदलाव करेगा। इसरो रविवार की सुबह पहली अर्थ बाउंड फायरिंग करेगा। जाहिर है कि शनिवार को इसरो ने पीएसएलवी सी57 लॉन्च व्हीकल से आदित्य एल1 को सफलतापूर्वक लॉन्च है। चंद्रयान-3 की तरह ही इसरो का आदित्य एल1 मिशन भी पहले पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। इसके बाद वह अपने मिशन को पूरा करने के लिए तेजी से सूरज की दिशा में उड़ान भरेगा।

इसरो ने जानकारी देते हुए बताया कि आदित्य एल1 ने पावर जेनरेट करना शुरू कर दिया है। आज रविवार की सुबह अर्थ बाउंड मैनुवर्स की हेल्प से फायरिंग की जाएगी। जिससे मिशन आदित्य एल1 अपनी कक्षा बदलकर अगली कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। यहां पृथ्वी की कक्षा में वह 16 दिन तक रहेगा। इस दौरान पांच बार इसकी कक्षा बदलने के लिए अर्थ बाउंड फायरिंग की जाएगी।

इसरो के मुताबिक, 110 दिनों की यात्रा करने के बाद आदित्य एल1 लैग्रेजियन-1 प्वाइंट पर पहुंचेगा। जहां इसमें एक और मैनुवर किया जाएगा। इसके जरिए ही आदित्य एल1 को एल1 प्वाइंट के हेलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा। यहां से शुरू होगी सूर्य की स्टडी करने की प्रक्रिया। बता दें कि यह लैग्रेंजियन प्वाइंट सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है।

यह भी पढ़े - Aditya-L1 Launch: ये हैं आदित्य-L1 के 7 पेलोड्स, जानें कौन क्या काम करेगा?


गौरतलब है कि आदित्य एल1 के साथ सात पेलोड भी भेजे गए है, जो सूर्य का विस्तृत अध्ययन करेंगे। इनमें से चार पेलोड का काम सूर्य की रोशनी का अध्ययन करना होगा। जबकि तीन पेलोड सूर्य के प्लाजमा और चुंबकीय क्षेत्र के अध्ययन करने का काम करेंगे। जाहिर है कि इससे पहले इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर को चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतारकर इतिहास रच दिया है।

यह भी पढ़े - ISRO Aditya-L1: आदित्य-एल-1 मिशन लॉन्च, कब तक पहुंचेगा और क्या करेगा जानें