सबसे कम उम्र में बने थे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष-
सैनिक स्कूल की पढ़ाई के बाद जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से अपनी स्नातक की डिग्री हासिल की। साल 1978 में जगदीप धनखड़ ने जयपुर विश्वविद्यालय में एलएलबी में एडमिशन लिया। और 1990 में जगदीप धनखड़ को राजस्थान हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट बन गए। राजस्थान हाईकोर्ट के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत की। 1987 में सबसे कम उम्र में राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष चुने गए। वर्ष 1988 में राजस्थान बार काउंसिल के निर्वाचित सदस्य बने।
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राजस्थान में जाट आंदोलन के प्रमुख प्रणेता थे जगदीप धनखड़-
साल 1989 से लेकर 1991 तक जगदीप धनखड़ राजस्थान के झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र से 9वीं लोकसभा में जनता दल की तरफ से सांसद रहे है। उसके बाद साल 1993 से लेकर साल 1998 तक धनखड़ किशनगढ़ से विधायक रहे। इसके अलावा राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर के पूर्व अध्यक्ष भी रहे। और राजस्थान में जाट आरक्षण आंदोलन के प्रमुख प्रणेता भी रहे है।
ओलंपिक संघ और टेनिस संघ के अध्यक्ष भी रहे धनखड़-
जगदीप धनखड़ की पत्नी का नाम सुदेश धनखड़ है। उनकी एक बेटी हैं, जिनका नाम कामना है। जगदीप धनखड़े सहकारी आंदोलन से भी जुड़े रहे। उन्हें कृषि और ललित कला का विशेष शौक है। किताबों के साथ-साथ धनखड़ खेल प्रेमी हैं। वह राजस्थान ओलंपिक संघ और राजस्थान टेनिस संघ के अध्यक्ष रहे हैं। समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में कानूनी मुद्दों पर बड़े पैमाने पर लेखों का योगदान दिया है।
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राज्यपाल रहते हुए ममता बनर्जी से कई बार हुआ था तकरार-
20 जुलाई, 2019 को जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनाए गए। जिससे बाद से उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने तक वो बंगाल के राज्यपाल रहे। बंगाल में राज्यपाल रहते हुए उनका टीएमसी सरकार और बंगाल सीएम ममता बनर्जी से कई मसलों पर तकरार भी हुआ। लेकिन वो बेहद सादगी के साथ अपना काम करते गए। बीते दिनों जब उन्हें उपराष्ट्रपति पद का एनडीए उम्मीदवार बनाया गया तो कई राजनेताओं ने भी उन्हें बधाई भी दी। अब उपराष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्हें देश-विदेश से बधाई मिल रही है।