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Jal Jeevan Mission Survey : हिंदी पट्टी में राजस्थान का पानी सबसे दूषित, देश में भी तीसरे सर्वाधिक दूषित जलाशय मरुधरा में

पहले ही जल संकट का सामना करे रहे राजस्थान को अब बेहद सचेत होने की जरूरत है। राजस्थान का कुल 69 प्रतिशत एरिया और 29 जिले डार्क जोन में जाने के बाद अब राजस्थान के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है। राजस्थान में पानी का जलस्तर गिर ही नहीं रहा, दूषित (Contaminated Ponds in Rajasthan) भी हो रहा है। दूषित जल (polluted ponds Rajasthan) के मामले में राजस्थान देश की तीन शीर्ष राज्यों में है।  

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देश में पानी की गुणवत्ता निरंतर खराब होती जा रही है। जलाशयों का पानी लगातार दूषित होता जा रहा है। देश के 14.44 फीसदी जलाशयों में पानी दूषित हो गया है। पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक दूषित पानी पाया गया है। इस सूची में राजस्थान पूरे देश में तीसरे नंबर पर है। वहीं स्वच्छ पानी की बात करें तो हिमाचल प्रदेश का पानी सबसे स्वच्छ है। इस सूची में मध्यप्रदेश तीसरे नंबर पर आता है। यह खुलासा हाल ही में जल जीवन मिशन पोर्टल की रिपोर्ट से हुआ। केंद्र सरकार के इस पोर्टल पर पानी की जांच और उसकी शुद्धता से जुड़ी जानकारी राज्यों के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जरिए डाली जाती है। रिपोर्ट में बताया कि पानी के दूषित होने का मुख्य कारण जलाशयों के आसपास अतिक्रमण और आरओ के पानी का बढ़ता चलन है।

सात लाख 55 हजार से अधिक जलाशयों के सैंपल पाए गए दूषित

जल जीवन मिशन अभियान के तहत देश में 52 लाख 67 हजार जलाशयों के पानी की जांच की गई। इसमें सात लाख 55 हजार से अधिक जलाशयों के सेंपल जांच के बाद दूषित पाए गए। हालांकि इन जलाशयों के पानी को रासायनिक दवाओं के माध्यम से उपचारित कर उपयोग के योग्य बनाया गया है। वहीं जो जल स्रोत उपचारित होने के बाद भी शुद्ध जल नहीं दे रहे थे, उन्हें बंद कर दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के शुद्धता की जांच फील्ड टेस्ट किट के जरिए जांच कराई गई। इस किट के जरिए 34 लाख से अधिक नमूनों का जांच हुई।

पानी की जांच के लिए सबसे अधिक लैब पश्चिम बंगाल में

जल शुद्धता की जांच करने के लिए लैब तैयार करने के मामले में मध्य प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है। प्रदेश में 105 लैब हैं, जो केन्द्र सरकार की एनएबीएल से मान्यता प्राप्त हैं। प्रदेश के प्रत्येक जिले में लैब मौजूद हैं। वहीं लैब तैयार करने के मामले में पश्चिम बंगाल पहले नंबर पर है। यहां 118 मान्यता प्राप्त लैब हैं।

पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे कम जल निकायों पर अतिक्रमण

रिपोर्ट के अनुसार करीब 18802 जल निकायों पर अतिक्रमण किया जा चुका है। जल शक्ति मंत्रालय के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। इस सर्वेक्षण में मार्च 2022 तक के आँकड़े शामिल किए गए हैं। जल निकायों के प्रति सम्मान दिखाने वाले राज्य देश में सेवन सिस्टर्स यानी पूर्वोत्तर के राज्य हैं। इनके अलावा सिक्किम और चंडीगढ़ भी ऐसे राज्य हैं जहाँ अब तक अतिक्रमण शून्य है।