
श्रीनगर की हजरतबल दरगाह (Photo-@KirenRijiju X)
Ruckus in Hazratbal Dargah: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में स्थित विश्व प्रसिद्ध हजरतबल दरगाह में शुक्रवार (5 सितंबर 2025) को ईद-ए-मिलाद के मौके पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया। दरगाह के हालिया नवीनीकरण के दौरान लगाए गए संगमरमर के शिलापट्ट पर उकेरे गए अशोक स्तंभ को गुस्साई भीड़ ने तोड़ दिया। भीड़ का कहना था कि मस्जिद के अंदर आकृतियां या प्रतिमाएं गढ़ना इस्लामी रिवाजों के खिलाफ है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें लोग पत्थरों से शिलापट्ट पर उकेरी गई अशोक स्तंभ की आकृति को तोड़ते दिख रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ. दरख्शां अंद्राबी ने 3 सितंबर को इस नवीनीकरण परियोजना का उद्घाटन किया था। उद्घाटन के दौरान उन्होंने इसे ऐतिहासिक परियोजना बताते हुए कहा था कि यह हजरतबल दरगाह को देश और क्षेत्र की सबसे खूबसूरत दरगाह बनाएगी। शिलापट्ट पर उनका नाम भी उकेरा गया था। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस नवीनीकरण की सराहना की और इसे कश्मीर की पारंपरिक कला और आधुनिकता का संगम बताया। उन्होंने कहा कि यह 1968 के बाद दरगाह के आंतरिक हिस्से का पहला बड़ा परिवर्तन है, जो जम्मू-कश्मीर की आध्यात्मिक धरोहर के लिए मील का पत्थर है।
वक्फ बोर्ड द्वारा लगाए गए संगमरमर के शिलापट्ट पर अशोक स्तंभ की आकृति को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई। उनका दावा था कि इस्लामी परंपराओं में मस्जिद के अंदर ऐसी आकृतियां बनाना वर्जित है। इसके विरोध में भीड़ ने शिलापट्ट को तोड़ दिया। वक्फ बोर्ड ने इस घटना की निंदा की और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वायरल वीडियो में भीड़ को शिलापट्ट तोड़ते देखा जा सकता है, जिसके बाद यह मामला राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बन गया है। कुछ लोग इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान बता रहे हैं, जबकि अन्य इसे सांस्कृतिक धरोहर पर हमला मान रहे हैं। वक्फ बोर्ड ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, और पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।
Published on:
05 Sept 2025 06:46 pm
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